बलूच राष्ट्रीय आंदोलन-बीएनएम ने बलूच शहीद दिवस के उपलक्ष्य में पूरी दुनिया और बलूचिस्तान के कई ज़िलों में स्मृति समारोह आयोजित किए। इसमें राजनीतिक नेताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस क्षेत्र पर पाकिस्तान के कब्ज़े और बढ़ते मानवाधिकार संकट का उल्लेख किया।
दुनिया भर के बलूच समुदायों ने 13 नवंबर को बलूच शहीद दिवस के रूप में मना कर बलूचिस्तान के राष्ट्रीय अधिकारों, सम्मान और स्वतंत्रता के लिए अपनी जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित की। बलूचिस्तान के अवारन ज़िले में आंदोलन के अध्यक्ष नसीम बलूच ने कहा कि शहीद दिवस का उद्देश्य शहीदों को याद करने के साथ उनके मिशन को जारी रखने की प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करना है। इस कार्यक्रम को आंदोलन के सूचना और संस्कृति सचिव काज़ी दाद मुहम्मद रेहान, केंद्रीय समिति के सदस्य असलम बलूच, ज़ोन अध्यक्ष उस्ताद मेहरान, उपाध्यक्ष तलार नाज़ और वित्त सचिव मीराक बलूच ने भी संबोधित किया।
नीदरलैंड में, बीएनएम की एक संगोष्ठी में इस आंदोलन और पश्तून तहफुज आंदोलन से जुड़े प्रतिनिधियों ने भाग लिया। वक्ताओं ने कहा कि बलूच युवाओं का नैतिक और राष्ट्रीय कर्तव्य उस मिशन को समझना है जिसके लिए शहीदों ने अपने प्राणों की आहुति दी। बलूच राष्ट्रीय आंदोलन ने जर्मनी के बर्लिन में बलूच शहीद दिवस के अवसर पर अपना मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया।