ऑस्ट्रेलिया ने भारत के साथ व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करने और इसमें विविधता लाने के लिए एक विस्तृत रणनीति तैयार की है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी एल्बनीज़ के कार्यालय ने दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए ऑस्ट्रेलिया-भारत व्यापार और निवेश त्वरक निधि में एक करोड़ 60 लाख डॉलर के निवेश की घोषणा की है।
ऑस्ट्रेलिया ने अपने मैत्री अनुदान कार्यक्रम में अतिरिक्त 40 लाख डॉलर के निवेश की भी घोषणा की, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच लोगों से लोगों, व्यवसाय से व्यवसाय और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ाना है।
ऑस्ट्रेलिया की यह रणनीति स्वच्छ ऊर्जा, शिक्षा और कौशल, कृषि व्यवसाय और पर्यटन सहित विकास के चार प्रमुख स्तंभों पर केंद्रित है। इसके अंतर्गत में पहले से चल रहे प्रयासों को बढ़ाने, दो-तरफ़ा निवेश को बढ़ावा देने और भारतीय-ऑस्ट्रेलियाई समुदायों तथा व्यवसायों के साथ सहयोग करने के लिए एक स्पष्ट मार्ग की रूपरेखा दी गई है।
ऑस्ट्रेलिया ने रक्षा उद्योग, खेल, संस्कृति, अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी सहित कई क्षेत्रों में भारत के साथ अपने जुड़ाव पर ध्यान केंद्रित करने और उसे बढ़ाने के लिए लगभग 50 विशिष्ट अवसरों की पहचान की है। यह भारत के साथ एक नए मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत में भी महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है, जिसका उद्देश्य ऑस्ट्रेलियाई व्यवसायों के लिए व्यापार और निवेश के अवसरों का और विस्तार करना है।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधान मंत्री एंथनी एल्बनीज़ ने कहा कि भारत एक आवश्यक भागीदार है क्योंकि उनका देश अपने नागरिकों को समृद्ध करने के लिए अपने व्यापार संबंधों में विविधता ला रहा है।
उन्होंने उल्लेख किया कि यह रणनीति ऑस्ट्रेलिया को भारत के साथ अपनी क्षमता को पूरी तरह से साकार करने में मदद करने के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था, व्यवसायों, नौकरियों और समग्र समृद्धि को बहुत लाभ होगा।