प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुवाहाटी में एडवांटेज असम के दूसरे संस्करण में निवेश और बुनियादी ढांचा शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि असम, दक्षिण पूर्व एशिया और भारत के प्रवेश द्वार तथा असीमित संभावनाओं का केंद्र बना हुआ है।
राजनयिकों, प्रमुख उद्योगपतियों, विदेशी प्रतिनिधियों की विशाल सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि असम पूर्वी भारत का एक विनिर्माण केंद्र बनेगा। उन्होंने इस रणनीतिक स्थिति का लाभ उठाने का आग्रह उद्योगपतियों से किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार संपर्क और अवसंरचना में सुधार करने पर कार्य कर रही है। उनकी सरकार इस क्षेत्र में स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला को सुदृढ़ बनाने पर भी कार्य कर रही है। श्री मोदी ने कहा कि भारत कम लागत की विनिर्माण प्रक्रिया के लिए मिशन मोड पर कार्य कर रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि असम में कानून और व्यवस्था की स्थिति में पिछले 10 वर्षों में सुधार हुआ है। केंद्र और राज्य सरकारों ने कई शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि असम सरकार ने व्यवसाय को सुगम बनाने के लिए एक वातावरण सृजित किया है। असम सरकार ने उद्योगों के लिए श्रेष्ठ नीतियां तैयार की है। इसने वर्ष 2030 तक डेढ़ अरब की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
श्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकार को लगातार समर्थन दे रही है। केंद्र सरकार ने हवाई संपर्क दुरूस्त करने के अलावा और साठ आधुनिक रेलवे स्टेशनों के निर्माण के लिए रेलवे बजट में वृद्धि की है।
असम भारत के आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। एडवांटेज असम शिखर सम्मेलन का दूसरा संस्करण असम और पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए एक नई शुरूआत है।
उद्धाटन सत्र के बाद प्रधानमंत्री नई दिल्ली रवाना हो गए।
दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में उद्धाटन सत्र, सात मंत्री-स्तरीय सत्र और 14 विषयगत सत्र शामिल हैं। इन सत्रों में औद्योगिक विकास, वैश्विक व्यापार साझेदारी और असम के जीवंत एमएसएमई क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस सम्मेलन में दो सौ 40 से अधिक प्रदर्शक भाग ले रहे हैं।
इस सत्र में असम के राज्यपाल एलपी आचार्या, विदेश मंत्री एस जयशंकर, मुख्यमंत्री हिमन्त बिस्व सरमा। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और अन्य गणमान्य मंत्री उपस्थित थे।