उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि चिंता और अवसाद मानसिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर चुनौती के रूप में उभरे हैं। आज नई दिल्ली में प्रणायाम के वैश्विक सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री धनखड़ ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि यह सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास मिशन के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन की प्रासंगिकता वसुधैव कुटुम्बकम की प्राचीन परंपरा से मेल खाती है। श्री धनखड़ ने भारत को एक अनूठी पांच हजार वर्ष पुरानी सभ्यता और दुनिया का सांस्कृतिक केंद्र बताया। श्री धनखड़ ने कहा कि जलवायु परिवर्तन का खतरा इसलिए पैदा हुआ है क्योंकि सतत विकास की बलि दी गई है।