राष्ट्र आज अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के प्रतिष्ठित लाल किले से स्वतंत्रता दिवस समारोह का नेतृत्व किया और राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
इस प्रतिष्ठित स्मारक की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि स्वतंत्रता का यह पर्व 140 करोड़ लोगों के संकल्पों का पर्व है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1947 में अनंत संभावनाओं और कोटि-कोटि भुजाओं के साथ हमारा देश आजाद हुआ। देश को दिशा देने वाले और मार्ग दिखाने वाले संविधान निर्माताओं को नमन किया।
श्री मोदी ने कहा कि देश श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 125वीं जयंती मना रहा है। उन्होंने संविधान के लिए बलिदान दिया। वे पहले महापुरुष थे जिन्होंने संविधान के लिए बलिदान दिया। उन्होंने धारा 370 को हटाने के लिए बलिदान दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक देश-एक संविधान की विचारधारा मानने वाले थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रकृति हम सबकी परीक्षा ले रही है। पिछले कई दिनों में भूस्खलन और बादल फटने से पीडित लोगों के साथ हमारी संवेदानाएं हैं। केन्द्र सरकार और राज्य सरकारें राहत, बचाव और पुनर्वास कार्य को पूरी शक्ति से कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 15 अगस्त पर लाल किले की प्राचीर से उन्हें ऑपरेशन सिंदूर के वीर जाबांजों को सलाम करने का अवसर मिला है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे वीर जवानों ने दुश्मनों को उनकी कला से परे सजा दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवादियों ने सीमापार से आकर पहलगाम में कत्तेआम किया और धर्म पूछकर लोगों की हत्या की। श्री मोदी ने कहा कि इस घटना से पूरा हिन्दुस्तान आक्रोश से भरा हुआ था और विश्व इस नरसंहार से चौंक गया था। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर इसी आक्रोश की अभिव्यक्ति है। उन्होंने कहा हमने सैनिकों को रणनीति तय करने, लक्ष्य तय करने और समय तय करने की पूरी छूट दी और उन्होंने कहा हमारे सैनिकों ने वो कर दिखाया जो दशकों से नहीं हुआ था। उन्होंने आतंक के अड्डों को मिट्टी में मिला दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की नींद उड़ी हुई है। पाकिस्तान में इतनी तबाही हुई है कि रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा देश कई दशकों से आतंक को झेलता रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत न्यूक्लियर धमकी से डरने वाला नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि न्यूक्लियर बलैकमेल भारत नहीं सहेगा। उन्होंने कहा कि दुश्मन के किसी भी दुस्साहस का मुहतोड़ जवाब भारतीय सेना अपने हिसाब से देगी। श्री मोदी ने कहा कि भारत ने तय कर लिया है कि खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे। उन्होंने कहा कि सिंधु जल समझौता भारत के लिए अन्यायपूर्ण था। उन्होंने कहा कि इस समझौते के कारण भारत की नदियों का पानी दुश्मन के खेतों को सींचता रहा और हमारे देश का किसान पानी के लिए तरसता रहा। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान के हक के पानी पर भारत का अधिकार है। श्री मोदी ने कहा कि सिंधु समझौते का पुराना स्वरूप जारी नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि किसान हित और राष्ट्र हित में ये समझौता हमें मंजूर नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर रहने के लिए प्रतिपल जागरूक रहना पड़ता है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर का नाता आयात-निर्यात या रूपए-डॉलर तक सीमित नहीं है। आत्मनिर्भर का नाता हमारे सामर्थ्य से जुड़ा हुआ है। आत्मर्भिरता खत्म होती है तो सामर्थ्य भी क्षीण हो जाता है। उन्होंने कहा कि सामर्थ्य बनाए रखने के लिए आत्मनिर्भरता जरूरी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में हम दूसरे देशों पर निर्भर हैं। इसमें लाखो करोड़ों रुपये खर्च होते हैं। हमें ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पिछले ग्यारह वर्षों में सौर ऊर्जा तीस गुना बढ़ी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नए बांधों का निर्माण हो रहा है जिससे देश में स्वच्छ ऊर्जा में वृद्धि हो सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए देश में मिशन हरित हाइड्रोजन पर हजारों करोड़ रुपये निवेश किये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि परमाणु ऊर्जा में वृद्धि के लिए दस नए रिएक्टर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2047 तक परमाणु ऊर्जा में दस गुणा वृद्धि की जाएगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पचास-साठ साल पहले सेमीकंडक्टर को लेकर फाइलें और विचार शुरू होकर अटक गया। उन्होंने कहा कि आज हमने सेमीकंडक्टर के काम को मिशन मोड में आगे बढाया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि इस वर्ष के अंत तक भारत में बनी हुई, भारत के लोगों द्वारा बनी हुई चिप बाजार में आ जाएगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए देश में राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन शुरू किया गया है और शीघ्र ही हमारा देश इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष स्टेशन से वापस आ चुके हैं और शीघ्र ही वो भारत आएंगे। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत शीघ्र ही आत्मनिर्भर हो जाएगा। इसके लिए भारत ने मिशन गगनयान शुरू किया है। भारत का शीघ्र ही अपना अंतरिक्ष स्टेशन होगा। उन्होंने कहा कि देश में अंतरिक्ष क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण सुधार किये गए हैं। इस समय अंतरिक्ष क्षेत्र में तीन सौ से अधिक स्टार्टअप्स काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की आजा़दी के सौ वर्ष पूरे होने पर एक सौ 40 करोड़ भारतीय विकसित भारत का संकल्प पूरा करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में बड़े सुधार किए हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया आज ग्लोबल वॉर्मिंग को लेकर चिंता में हैं। भारत ने 2030 तक स्वच्छ ऊर्जा को पचास प्रतिशत पहुंचाने का लक्ष्य रखा था। प्रधानमंत्री ने कहा कि देशवासियों के संकल्प के जरिए हमने ये लक्ष्य पांच साल पहले 2025 में ही पूरा कर लिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि तेल के भंडार, गैस के भंडार खोजने के लिए मिशन मोड पर काम किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने इसके लिए नेशनल डीप वॉटर एक्सप्लोरेशन मिशन की घोषणा की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में उर्वरक का सही उपयोग होना चाहिए। उन्होंने देश के नौजवानों और उद्योगजगत से अपने प्रयासों से देश का उर्वरक भंडार भरने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मुझे देश के नौजवानों पर पूरा भरोसा है। श्री मोदी ने कहा कि कोविड महामारी के समय हमारे नौजवानों ने बढ-चढकर काम किया। चाहे कोविड का टीका विकसित करना हो या कोविन प्लेटफॉर्म तैयार करना हो। हमारे देश के नौजवानों ने ये सब करके दिखाया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उद्यमशीलता पिछले 11 वर्षों में तेजी से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि मुद्रा लोन की सुविधा से महिला स्वसहायता समूह के उत्पादों में तेजी से वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले देश में खिलौने भी आयात हुआ करते थे लेकिन मन की बात में मेरे, नौजवानों से स्वदेशी खिलौने तैयार करने की पहल पर विचार करने का आग्रह करने के बाद अब देश खिलौने निर्यात कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2047 तक देश को विकसित बनाना है। इसके लिए एक-एक पल कीमती है और हमें बिना एक भी पल गवाए काम लगे रहना है। उन्होंने कहा कि ये समय युवाओं के लिए आगे बढ़ने का है और बड़े सपने देखने का है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे अपने पेटेंट, सस्ती और कारगर दवाइयां होनी चाहिए जो संकट के समय मानव जाति के लिए काम आए। उन्होंने कहा कोविड के समय हमने अपनी वैक्सिन बनाई और को-विन प्लेटफॉर्म के जरिए करोड़ों की जान बचाई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि काफी लम्बे समय से देश सेवा का अवसर मिलने के कारण सरकार की चुनौतियों से परिचित हो चुका हूं। उन्होंने कहा कि किसी की लकीर को छोटा करने में अपनी ऊर्जा बर्बाद नहीं करनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें अपनी ऊर्जा हमारी लकीर को बड़ा करने में लगानी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक परिदृश्य में आर्थिक स्वार्थ बढ़ रहा है। हमें इस परिस्थिति से लड़ना होगा। उन्होंने कहा कि कोई भी स्वार्थ हमें अपनी चंगुल में नहीं फंसा सकता।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीता दशक परफॉर्म, रिफॉर्म और ट्रांसफॉर्म कर रहा है। हमने कई सुधार किए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि चालीस हजार से अधिक अनावश्यक अनुपालन समाप्त कर दिये गए हैं। श्री मोदी ने कहा कि 15 सौ से अधिक कानून खत्म कर दिये गए हैं और दर्जनों कानूनों को सरल बनाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 280 से अधिक धाराएं समाप्त कर दी गईं हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नागरिक जीवन को सुगम बनाने के लिए कई सुधार किए जा रहे हैं। आम नागरिकों को 12 लाख तक की आय पर कर में छूट दी गई है। श्री मोदी ने कहा कि देश का सामर्थ्य, देशवासियों को लाभ देता है। उन्होंने कहा कि दण्ड संहिता को न्याय संहिता में बदल दिया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज सूचना प्रौद्योगिकी का युग है। उन्होंने कहा ऑपरेटिंग सिस्टम से लेकर साइबर सुरक्षा तक सारी चीजें हमारी अपनी होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत का यूपीआई प्लेटाफॉर्म दुनिया में अजूबा कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम में आत्मनिर्भर बनने का सामर्थ्य है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बड़ी-बड़ी कम्पनियों में युवाओं को इंटर्नशिप दी जा रही है। उन्होंने युवाओं को खुशखबरी देते हुए कहा कि आज से एक लाख करोड़ रुपये की योजना शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि आज से प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना लागू करने की घोषणा करता हूं। उन्होंने कहा निजी कंपनी में पहली नौकरी पाने वाले युवाओं को 15 हजार रुपये दिये जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की नारी शक्ति देश के विकास में कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष और स्वास्थ्य जैसे कई क्षेत्रों में नारियां आगे बढ़ रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय रक्षा अकादमी की पहली महिला कैडेट के पासआउट पर देश को बहुत गर्व है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नमोड्रोन दीदी परियोजना नारी शक्ति की पहचान बन गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का संकल्प लिया है और इसके अंतर्गत दो करोड़ लखपति दीदी बन चुकी हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन पर बहुत तेजी से काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमें विश्व बाजार में अपना लोहा मनवाना है। उन्होंने उत्पादन के क्षेत्र में लगे लोगों से कहा कि उनके लिए काम कम लेकिन दम ज्यादा का मंत्र होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के लिए अनगिनत लोगों ने बलिदान दिया। वे स्वतंत्र भारत के संकल्प को लेकर जिएं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने हमें स्वतंत्र भारत दिया, आज हमारा संकल्प समृद्ध भारत का होना चाहिए। श्री मोदी ने सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे वॉकल फॉर लोकल के मंत्र को हर नागरिक के जीवन का मंत्र बनाएं। भारत के नागरिकों द्वारा बनी हुई चीजों का उपयोग करें। इससे हम पूरी दुनियां को बदल सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम स्वदेशी चीजों का मजबूरी के साथ नहीं मजबूती के साथ उपयोग करें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार देश के नागरिकों, गरीबों, पीढितों और वंचितों के लिए प्रोएक्टिव हो। उन्होंने कहा कि हम सरकार की योजना ज़मीन पर उतार रहे हैं। हमने जन-धन खाते खोलकर गरीबों को स्वाभिमान प्रदान किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुषमान भारत के अंतर्गत पांच लाख रुपये की सहायता प्रदान की जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम आवास योजना का लाभ देश के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों के दरवाजे पर जा रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबी हटाओ के नारे सुनकर देश थक चुका था। उन्होंने कहा कि योजनाओं के गरीबों के घरों तक पहुंचने से पिछले दस वर्षों में 25 करोड़ लोगों ने गरीबी से बाहर आकर नया इतिहास रचा है।
प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि इस दीपावली में देशवासियों को बड़ा तोहफा मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि हम अगली पीढ़ी के लिए जीएसटी सुधार लेकर आ रहे हैं। इससे उद्यमियों, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को ताकत मिलेगी। रोजमर्रा की चीजें सस्ती हो जाएंगी और अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की दिशा में तेजी से आगे बढ रहे हैं और इसे हासिल भी कर लेंगे। उन्होंने कहा कि आज वैश्विक अर्थव्यवस्था के बीच भारत की आर्थिक ऊर्जा आशा की किरण है। वैश्विक रैटिंग एजेंसियां भारत की अर्थव्यवस्था पर ज्यादा से ज्यादा भरोसा कर रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमे अपनी भाषाओं पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे देश भाषाओं की विविधताओं से भरा हुआ है। इसीलिए बांग्ला, पाली, मराठी जैसी भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी भाषाए जितनी समृद्ध होंगी उतना ही हमारा ज्ञान और हमारी ताकत बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि समृद्ध भाषा का लाभ देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व प्राप्त कर सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का निर्माण सरकारें नहीं करतीं बल्कि देश कोटि-कोटि देशवासियों को पुरुषार्थ से बनता है। उन्होंने कहा कि देश के निर्माण में सेना, वैज्ञानिक, किसान, मजदूर, ऋषि, मुनी और संस्थाएं करती हैं।
श्री मोदी ने कहा कि एक सौ वर्ष पहले एक ऐसी संस्था का जन्म हुआ जो सेवा और समर्पण के लिए बना। सौ वर्ष पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का गठन सेवा, समर्पण और अटूट अनुशासन के सिद्धांत पर हुआ था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ दुनिया की सबसे बड़ी गैर-सरकारी संस्था है। उन्होंने सभी स्वयं सेवकों को आदरपूर्ण नमन किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि समृद्धि का रास्ता सुरक्षा से होकर गुजरता है। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में राष्ट्र की सुरक्षा और रक्षा के लिए कई कार्य किये गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुरु तेग बहादुर ने भारत के मूल्यों की रक्षा के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान, मछुआरे और पशुपालक हमारी प्राथमिकता हैं। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ कोई भी अहितकारी नीति के आगे वे दीवार बनकर खड़े हैं। उन्होंने कहा कि भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों के साथ कोई समझौता स्वीकार नहीं करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे विश्व में युद्ध के स्वरूप बदल रहे हैं। भारत युद्ध के हर तौर तरीकों से निपटने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारी संवेदनशील स्थानों पर दुश्मनों के मिसाइल हमलों को नेस्त-नाबुद कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमारे जाबांजों ने देश को रत्तीभर नुकसान नहीं होने दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि युद्ध के मैदान में प्रौद्योगिकी का विस्तार हो रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के लोगों की सुरक्षा के लिए प्रौद्योगिकी को उन्नत करने की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2035 तक राष्ट्र के सभी महत्वपूर्णस्थलों और आस्था स्थलों को प्रौद्योगिकी से सुरक्षित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश का सामान्य नागरिक सुरक्षित महसूस करे इसके लिए सुरक्षा कवच तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले दस वर्षों में राष्ट्रीय सुरक्षा कवच का विस्तार करना चाहता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद पाकर मिशन सुदर्शन चक्र शुरू करने की घोषणा की। यह शक्तिशाली हथियार प्रणाली दुश्मनों पर कई गुना अधिक घातक होगी। इसका पूरी तरह का निर्माण देश के अंदर ही होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना शुरू की है। इसके अतंर्गत किसी न किसी वजह से पिछड़े रहे सौ जिलों के किसानों को सशक्त बनाया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम देश में खेलकूद को बढावा दे रहे हैं। इसके लिए दशकों बाद राष्ट्रीय खेल नीति लेकर आए हैं ताकि खेलों और खिलाडियों का सर्वागींण विकास को सके। उन्होंने कहा कि वे खेल का पूरा तंत्र देश के दूर-दराज के क्षेत्रों तक भी पहुंचाना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री ने देश में मोटापे की समस्या को लेकर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हर परिवार को मोटापे के खिलाफ लड़ाई में योगदान देना चाहिए। उन्होंने खाने में तेल का उपयोग दस प्रतिशत कम करने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वे देश के पिछड़े इलाकों, जिलों ब्लॉकों को प्राथमिकता देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हमने पूर्वी भारत के लिए हजारों करोड़ों रुपए की योजनाओं को आगे बढाया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था जब देश में एक सौ 25 से ज्यादा जिलों में नक्सलवाद जड़ें जमा चुका था और हमारे जनजातीय नौजवान इसमें फंसे हुए थे। आज इन जिलों की संख्या घटकर बीस रह गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के नक्शे में जिन क्षेत्रों को लाल रंग से रंग दिया गया था आज वहां विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर जनजातीय क्षेत्रों को नक्सलवाद से मुक्त करके उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि घुसपैठिए देश के लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। उन्होंने देश की डेमोग्राफी में हो रहे परिवर्तन पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि देश घुसपैठ को और ऐसी हरकतों को बर्दाश्त नहीं करेगा। श्री मोदी ने कहा कि देश पर मंडारा रहे इस सकंट से निपटने के लिए उच्च स्तरीय डेमोग्राफी मिशन शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम 2027 तक विकसित भारत बनने के लिए न रूकेंगे, न झुकेंगे और परिश्रम की परिकाष्ठा करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि हम हर प्रकार की गुलामी से मुक्ति पाकर अपनी विरासत पर गर्व करेंगे। इसके लिए एकता ही सबसे शक्तिशाली संकल्प होना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने प्रेरणादायक पंक्तियों, भारत माता और वंदे भारत के जयघोष के साथ भाषण का समापन किया।