आंध्र प्रदेश की समृद्ध हस्तशिल्प विरासत भारत के लिए गौरव है। तिरूपति जिले के श्रीकालहस्ती के एक प्रतिष्ठित कारीगर वेलायुधम श्रीनिवासुलु को वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया है। वे 5 से 9 सितंबर तक पेरिस पैरालंपिक के समापन समारोह में उत्कृष्ट कलमकारी कला का प्रदर्शन करेंगे।
देश भर से केवल पांच कारीगरों को इस अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में अपनी कला प्रस्तुत करने के लिए चुना गया है। प्रतिष्ठित शिल्प गुरु पुरस्कार से सम्मानित वेलायुधम श्रीनिवासुलु आंध्र प्रदेश से एकमात्र प्रतिनिधि हैं।
आकाशवाणी से विशेष बातचीत में श्रीनिवासुलु ने केंद्र सरकार के प्रति बेहद खुशी और आभार व्यक्त किया। उन्होंने इतने महत्वपूर्ण आयोजन में कलमकारी कला को प्रस्तुत करने के अवसर को एक दुर्लभ सम्मान बताया, जो न केवल उनके लिए बल्कि विश्व मंच पर भारतीय हस्तशिल्प की समृद्ध परंपरा के लिए एक मील का पत्थर है।