दिसम्बर 23, 2025 2:30 अपराह्न

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एआई स्कूलों और कॉलेजों के पाठ्यक्रम का अभिन्न अंग होना चाहिए: उपराष्‍ट्रपति सी.पी. राधाकृष्‍णन

उपराष्‍ट्रपति सी.पी राधाकृष्‍णन ने आज कहा कि भारत सर्वांगीण विकास और राष्ट्रीय परिवर्तन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस- ए.आई. से संबंधित नीतियां और परियोजनाएं तैयार करने में वैश्विक स्तर पर सबसे सक्रिय देशों में से एक है। उपराष्ट्रपति ने नई दिल्ली में आयोजित एआई विकास पर राष्ट्रीय सम्मेलन- ए.आई. महाकुंभ को संबोधित करते हुए यह बात कही। श्री राधाकृष्णन ने कहा कि एआई स्कूलों और कॉलेजों के पाठ्यक्रम का अभिन्न अंग होना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि शुरूआत में ही एआई के बारे में जानकारी होने से छात्रों में बेहतर सोच का विकास होगा और समस्याओं से निपटने में मदद मिलेगी।

 

उपराष्ट्रपति ने कहा कि 2047 तक आत्मनिर्भर, समावेशी और तकनीकी रूप से सशक्त विकसित भारत की दिशा में एआई की महत्वपूर्ण भूमिका है। श्री राधाकृष्णन ने कहा कि 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक के बजट के साथ भारत एआई मिशन शुरू किया गया है। इसका उद्देश्‍य एआई की शक्ति का उपयोग करने में सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने बल देकर कहा कि भारत तकनीकी कुशल कार्यबल की मदद से एआई के क्षेत्र में वैश्विक नेता के रूप में उभर रहा है।

 

इस अवसर पर दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि एआई के उपयोग से अधिगम, अध्यापन, मूल्यांकन, शासन और निर्णय लेने की प्रक्रिया में बदलाव आ रहा है। उन्होंने कहा कि एआई का उद्देश्य शिक्षा के मानवीय उद्देश्य को पुनर्स्थापित करना है। श्री सूद ने कहा कि एआई का इस्‍तेमाल शिक्षकों और शिक्षार्थियों को सशक्त बनाने और सीखने की प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए करना चाहिए।