केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज इस बात पर जोर दिया कि भारत में कृत्रिम बुद्धिमता-एआई के विकास के लिए बड़े सार्वजनिक डेटासेट तक पहुंच महत्वपूर्ण होगी। नई दिल्ली में रायसीना संवाद 2025 में श्री वैष्णव ने कहा कि एआई कोष नामक डेटासेट का एक बड़ा संग्रह बनाया गया है, साथ ही कई अन्य बहुभाषी डेटा स्रोत भी हैं। उन्होंने कहा कि ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट-जीपीयू को कंप्यूट सुविधा के रूप में उपलब्ध कराने का काम चल रहा है, जिसमें लगभग 14 हजार जीपीयू का उद्घाटन पहले ही हो चुका है।
श्री वैष्णव ने बताया कि भारत एआई मिशन और भारतीय संसद के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, क्योंकि संसद के पास लंबे समय से एकत्रित कई भाषाओं में एक विशाल डेटासेट है। श्री वैष्णव ने कहा कि देश में सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग को एआई के लिए तैयार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत को लगातार नई तकनीकों में निवेश करना चाहिए और 2047 तक एआई में अग्रणी बनना चाहिए।