त्रिपुरा के अगरतला में आज पूर्वोत्तर क्षेत्र की महिला सरपंचों और पंचायती राज संस्थाओं की सदस्यों का दो दिन का सेमिनार शुरू हुआ। पंचायती राज मंत्रालय में सचिव सुश्री ममता वर्मा ने नई दिल्ली से वर्चुअल माध्यम से इस कार्यशाला को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि महिलाओं की तरफ से छद्म प्रतिभागिता को रोकने पर चर्चा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर सामयिक है। इस तरह की परामर्श कार्यशालाओं को आयोजित करने की त्रिपुरा सरकार की पहल की सराहना करते हुए सुश्री वर्मा ने कहा कि देश में ऐसे कई राज्य हैं, जहां महिला सदस्यों की तरफ से उनके परिवारों के पुरूष सदस्य पंचायत की कार्रवाई में भाग लेते हैं। इस तरह की छद्म प्रवृत्ति को रोकने की आवश्यकता है।
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने इस वर्ष 6 जुलाई को आदेश दिया था कि निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के स्थान पर परिवार के पुरूष सदस्यों के पंचायती कार्यवाही में भाग लेने की कुप्रथा की समीक्षा और अन्य संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए परामर्श समिति बनाई जाए।