दिसम्बर 16, 2024 3:54 अपराह्न

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राज्‍यसभा में भारत के संविधान के 75 वर्षों की गौरवशाली-यात्रा पर एक विशेष-चर्चा शुरू

राज्‍यसभा में आज भारत के संविधान के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर एक विशेष चर्चा शुरू हुई। इस चर्चा में अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता और संविधान की रक्षा के मुद्दे पर विपक्ष को जवाब देने के लिए सत्‍ता पक्ष की ओर से वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारामन ने मोर्चा संभाला।

 

चर्चा की पहल करते हुए उन्‍होंने 1949 में नियम की आलोचना करने के लिए प्रसिद्ध गीतकार मजरूह सुल्‍तानपुरी और अनुभवी अभिनेता बलराज साहनी को जेल भेजने संबंधी कांग्रेस के फैसले का हवाला दिया। श्रीमती सीतारामन ने कांग्रेस शासन के दौरान प्रतिबंधित पुस्‍तकों और फिल्‍मों की सूची का भी उल्‍लेख किया।

 

उन्‍होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी ने एक परिवार की मदद करने और लोकतंत्र को सशक्‍त बनाने की बजाय सत्‍तासीन लोगों की रक्षा करने के लिए संविधान में संशोधन किया। वित्‍तमंत्री ने देश में आपातकाल थोपने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा।

 

उन्‍होंने कहा कि उचित तर्क के बगैर आपातकाल के दौरान लोकसभा के सत्र का विस्‍तार किया गया। इस विस्‍तारित सत्र के दौरान विपक्षी दलों के सदस्‍यों को जेल भेज दिया गया था।

 

    अपने संबोधन में श्रीमती सीतारामन ने संविधान सभा के सदस्‍यों को स्‍मरण भी किया। उन्‍होंने इसमें शामिल 15 महिला सदस्‍यों के विशेष योगदान को भी सराहा। उन्‍होंने कहा कि भारत निर्माण के लिए प्रतिबद्धता की फिर पुष्टि करने का समय आ गया है।

 

    श्रीमती सीतारामन ने कहा कि बहुमत में होने के बावजूद तत्‍कालीन राजीव गांधी की सरकार महिला आरक्षण विधेयक पारित नहीं करवा सकी। लेकिन उनकी सरकार ने लोकसभा और राज्‍य विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने संबंधी कानून पारित किया।

 

    चर्चा में भागीदारी करते हुए सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने संविधान को कमजोर करने के लिए सरकार पर आरोप लगाया। उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस ने लोगों को सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार दिया है।

 

रोजगार के मुद्दे पर श्री खरगे ने आरोप लगाया कि केन्‍द्र प्रत्‍येक वर्ष दो करोड़ नौकरी देने के अपने वायदे को पूरा करने में असफल रहा है। श्री खरगे ने कहा कि मनरेगा, खाद्य सुरक्षा अधिनियम और भूमि सुधार जैसी योजनाओं का उद्देश्‍य देश में समाजवाद लाना था।

 

उन्‍होंने सरकार पर आरक्षण विरोधी होने का आरोप लगाया। श्री खरगे ने कहा कि इसी कारण सरकार जाति आधारित जनगणना नहीं करवा रही है। चर्चा अभी जारी है।