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नवम्बर 16, 2024 7:51 पूर्वाह्न

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असम के बोडोलैंड में अब दिखाई दे रही विकास की नई लहरः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि 2020 के बोडो शांति समझौते के बाद असम के बोडोलैंड में विकास की नई लहर दिखाई दे रही है। प्रधानमंत्री ने कल शाम नई दिल्‍ली में पहले बोडोलैंड महोत्‍सव का उद्घाटन करते हुए कहा कि शांति समझौते के कारण केवल असम में दस हजार से अधिक युवाओं ने हथियार और हिंसा छोड़ दी हैं।

 

ये युवा समाज की मुख्‍यधारा में शामिल हो गये हैं। उन्‍होंने कहा कि असम के बोडोलैंड ने शांति समझौते के बाद विकास की एक नई लहर को देखा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह बोडोलैंड में विकास के असर को देखकर संतुष्‍ट हैं, जिसने हिंसा और रक्‍तपात का करीब पचास वर्षों तक सामना किया है।

 

    उन्‍होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बोडोलैंड के विकास के लिए एक हजार पांच सौ करोड रूपये का विशेष पैकेज दिया है। उन्‍होंने कहा कि असम सरकार ने भी इसके लिए एक विशेष विकास पैकेज दिया है।

 

श्री मोदी ने कहा कि बोडोलैंड में शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और संस्‍कृति से संबंधित बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सात सौ करोड रूपये से अधिक की राशि खर्च की गई है। उन्‍होंने नक्‍सलवाद के पथ पर चल रहे लोगों से बोडोलैंड के लोगों से कुछ सीखने को कहा।     

 

      श्री मोदी ने वर्षों के संघर्ष और मध्‍यस्‍थता प्रयासों के बाद बोडो द्वारा नया इतिहास रचने के लिए उनकी सराहना की। युवाओं और महिलाओं के विकास के लिए कौशल विकास की आवश्‍यकता और अवसरों की उपलब्‍धतता पर जोर देते हुए श्री मोदी ने सीड मिशन का उल्‍लेख किया, जो कौशल, उद्यमिता, रोजगार और विकास को बढ़ावा देता है।

 

उन्‍होंने भरोसा जताया कि बोडो युवा इसका भारी लाभ उठा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एन.डी.ए. सरकार जोश से भरपूर बोडो समुदाय के लिए प्रगति और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

 

उन्‍होंने उल्‍लेख किया कि असम सहित समूचा पूर्वोत्‍तर भारत का आष्‍टलक्ष्‍मी क्षेत्र है और भारत के पूर्व से नई सुबह की शुरुआत होगी। उन्‍होंने कहा कि सरकार पूर्वोत्‍तर में निरन्‍तर स्‍थायी शांति और सीमा विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रयासरत है। 

 

    इस अवसर पर असम के राज्‍यपाल लक्ष्‍मण प्रसाद आचार्य के अलावा, बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र के प्रमुख प्रमोद बोडो, अखिल बोडो विद्यार्थी संघ के अध्‍यक्ष दीपेन बोडो, बोडो साहित्‍य सभा के अध्‍यक्ष डाक्‍टर सूरत नरजारी भी उपस्थित थे। असम के मुख्‍यमंत्री हेमंत बिस्‍वा सरमा ने इस अवसर पर वर्चुअल रूप से भाग लिया।

 

    वर्ष 2020 में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के ऊर्जावान नेतृत्‍व में बोडो शांति समझौते पर हस्‍ताक्षर होने के बाद दो दिन के इस महोत्‍सव का आयोजन बोडोलैंड में सुधार की शानदार यात्रा को मनाने के लिए भी किया जा रहा है।

 

इस शांति समझौते ने न केवल बोडोलैंड में दशकों से चल रहे संघर्ष, हिंसा और जनहानि का समाधान किया है, बल्कि अन्‍य शांति समझौतों के लिए प्रेरक के रूप में काम किया है।