हरियाणा के फरीदाबाद में आयोजित 38वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले में आज शनिवार को अवकाश वाले दिन देशभर से बड़ी संख्या में लोग पहुंचें। इस वर्ष मेले के साझेदार राज्य मध्य प्रदेश और ओडिशा हैं। मेले में मिस्र, इथियोपिया, सीरिया, अफगानिस्तान, बेलारूस सहित लगभग 42 देशों के लगभग छह सौ प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।
इसके अलावा, बिम्सटेक देशों – बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड सहित कई देश भी मेले में भाग ले रहे हैं। इस मेले का उद्देश्य हस्तशिल्प उत्पाद और हथकरघा को बढ़ावा देना है। सुरजकुंड मेला प्राधिकरण और हरियाणा पर्यटन द्वारा केंद्रीय पर्यटन, वस्त्र, संस्कृति और विदेश मंत्रालयों के सहयोग से आयोजित इस मेले के लिए आगंतुक टिकट, मेला स्थल पर निर्धारित काउंटरों तथा दिल्ली मेट्रो के ऐप दिल्ली सारथी 2.0 से खऱीद सकते हैं।
इसके अलावा दिल्ली मेट्रो के सभी स्टेशनों पर से भी टिकट खरीदे जा सकते हैं। पेश है हमारे संवाददाता की एक रिपोर्ट –
इस वार्षिक मेले में पारंपरिक व्यंजनों को आगंतुक खूब पसंद कर रहे हैं। मेले में हस्तशिल्प के साथ-साथ हाथों से बुने वस्त्र, खिलौने और आभूषण लोगों का सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। आकाशवाणी समाचार से बातचीत करते हुए मेले में भाग ले रहे जम्मू और कश्मीर के हस्तशिल्प कलाकार पद्मश्री हाजी गुलाम रसुल खान ने कहा कि सूरजकुंड मेला एक ऐसा मंच है जहां हस्तशिल्प कारीगरों को अपनी कलाओं का प्रदर्शन करने का मौका मिलता है और इसको लोग काफी सराहना करते हैं।
मेले में आ रहे लोग विभिन्न प्रकार की वस्तुओं की खरीदारी कर रहे हैं। आकाशवाणी से बातचीत में हरियाणा की शालिनी बताती हैं कि यह मेला भारतीय और विदेशी सामानों की खरीदारी का बेहतर मंच है।
बाइट – शालिनी मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा है, जिसमें प्रसिद्ध राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय लोक कलाकार तथा सांस्कृतिक समूह अपनी प्रस्तुति दे रहे हैं। इसके अलावा, शाम को मुख्य चौपाल में मंत्रमुग्ध कर देने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किये जा रहे हैं।