वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग-सीएक्यूएम ने ठंड के मौसम में वायु प्रदूषण के नियंत्रण की तैयारियों की समीक्षा की और पराली जलाने पर अंकुश लगाने में महत्वपूर्ण प्रगति का संकेत दिया। 26वीं बैठक के दौरान आयोग ने विभिन्न ग्रैप चरणों तथा चरण-1 और चरण-2 में उठाए गए अतिरिक्त कदमों सहित ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान-ग्रैप के कार्यान्वयन के ढांचे की समीक्षा की। आयोग ने एकीकृत निगरानी और प्रवर्तन प्रयासों के कारण पराली जलाने की घटनाओं में हुई महत्वपूर्ण कमी का उल्लेख किया। 2021 की तुलना में दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाओं में लगभग 92 प्रतिशत की कमी हुई है। सीएक्यूएम ने समय-सीमा समाप्त हो चुकी गाडि़यों पर हाल के न्यायालय आदेशों के अनुपालन की भी समीक्षा की।
आयोग ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद बीएस-IV और बाद के उत्सर्जन मानकों वाले वाहनों के लिए दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा जारी है जबकि अत्यधिक प्रदूषण फैलाने वाले बीएस-III और निम्न उत्सर्जन मानक वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने पर लगी पाबंदियां हटा दी गई हैं। आयोग ने सभी क्षेत्रों में सतत् कड़ी सतर्कता, समन्वित प्रवर्तन और विशेषकर ठंड के मौसम में वैधानिक निर्देश के प्रभावशाली कार्यान्वयन की आवश्यकता को दोहराया। सभी कार्यान्वित एजेंसियों ने वायु प्रदूषण नियंत्रण उपायों की नियमित समीक्षा करने की वचनबद्धता व्यक्त की और ग्रैप के तहत विभिन्न क्षेत्रों में कड़ी और प्रभावशाली कार्रवाई करने की भी वचनबद्धता व्यक्त की।