स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा है कि 15 हजार जन औषधि केंद्र वर्तमान में कार्यरत हैं और सरकार ने अगले दो वर्ष में दस हजार और ऐसे केंद्र खोलने का निर्णय लिया है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के कामकाज पर राज्यसभा में चर्चा का उत्तर देते हुए श्री नड्डा ने कहा कि इन केंद्रों में बहुत सस्ती दवाएं उपलब्ध होने के कारण अब तक रोगियों के 30 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है।
स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा है कि वर्ष 2017 में प्रस्तुत की गई स्वास्थ्य नीति एक व्यापक नीति है। इसमें उपशामक, उपचारात्मक, पुनर्वास और निवारक दृष्टिकोण सम्मिलित हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पहले की स्वास्थ्य नीतियों का मुख्य केंद्र उपचारात्मक था। श्री नड्डा ने कहा कि केंद्र की भूमिका राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता, नीति-निर्माण और योजना, अनुसंधान और विकास तथा सहायता प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने आयुष के साथ-साथ एलोपैथी पर भी ध्यान केंद्रित किया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार देशभर में स्वास्थ्य कर्मियों के प्रशिक्षण पर ध्यान दे रही है। उन्होंने सांसदों से इस बात पर ध्यान देने का आग्रह किया कि स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों में 14 तरह की जांच सुविधाएं उपलब्ध हों।
इससे पहले, चर्चा में भाग लेते हुए भारतीय जनता पार्टी के भुवनेश्वर कलिता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में नया आयाम देखा है। उन्होंने कहा कि व्यवस्था में उत्कृष्ट सुधार हुआ है और देश में स्वास्थ्य सेवा वैश्विक मानक बन गई है। श्री कलिता ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा गुणवत्तापूर्ण और किफायती होने के कारण विभिन्न देशों से लोग उपचार के लिए भारत आ रहे हैं।
जनता दल यूनाइटेड के संजय कुमार झा ने कहा कि उल्लेखनीय कदमों के साथ देश में स्वास्थ्य सेवा में बड़ा परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में चिकित्सकों की कमी पूरी करने के लिए एक लाख बीस हजार से अधिक नई एमबीबीएस सीट सृजित की गईं। श्री झा ने कहा कि करीब डेढ़ दशक पहले बिहार में टीकाकरण बहुत कम था, लेकिन अब यह 95 प्रतिशत तक पहुंच गया है। उन्होंने दरभंगा में बिहार के दूसरे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय को धन्यवाद दिया।
जनता पदल सेक्यूलर नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा ने ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों पर अधिक ध्यान देने पर बल दिया। उन्होंने सरकार को हाईस्कूल की छात्राओं का गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से बचाने के लिए टीकाकरण कराने का सुझाव दिया।
कांग्रेस की रेणुका चौधरी ने सरकार से कैंसर रोगियों के लिए वस्तु और सेवा कर दरें कम करने का आग्रह किया। उन्होंने बजट में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए आवंटन में कटौती करने पर चिंता व्यक्त की। मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी के वी शिवदासन ने कहा कि स्वास्थ्य लोगों का अधिकार है, लेकिन भारत स्वास्थ्य पर अपने सकल घरेलू उत्पाद का केवल शून्य दशमलव दो-सात प्रतिशत ही खर्च कर रहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र पर अधिक खर्च होना चाहिए। चर्चा जारी है।