हिमाचल प्रदेश में पावर प्रोजेक्ट चला रहे पूंजीपति या उद्यमी प्रदेश के लोगों को पानी से वंचित नहीं रख सकते हैं। सरकार ऐसा होने नहीं देगी और इसे लेकर जो भी कदम उठाने पड़ेंगे, वह उठाएगी। यह बात उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सोमवार को विधानसभा में नियम-62 के तहत विधायक विपिन सिंह परमार द्वारा जिया-बड़सर घनेता की सिंचाई योजना कथुल्ल कुल्ह की पाईपें फट जाने पर सदन में लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कही।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कांगड़ा में कुल्हों को बचाने के लिए सरकार व्यापक रिपोर्ट तैयार करेगी। अग्निहोत्री ने कहा कि परमार जिस योजना की बात कर रहे है वह योजना इनके सरकार के कार्यकाल में बनी और उसका उद्घाटन भी इन्होंने ही किया। उन्होंने कहा कि योजना तीन विधानसभा क्षेत्र से जुड़ी हुई है और इनके क्षेत्र में देरी से पानी पहुंचता है। अग्निहोत्री ने कहा कि 18 किमी इस कुल्ह में 5 किमी. क्षेत्र में समस्या है। इस समस्या को दूर करने के लिए वह डीसी कांगड़ा को और विभाग के अधिकारियों को साइट विजिट करने के निर्देश देंगे। उन्होंने कहा कि विधायक विपिन सिंह परमार ने जिस कुल्ह का जिक्र किया है, उसकी मरम्मत के लिए 45 लाख रुपए का प्रस्ताव तैयार किया है।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि अगर इस बजट में कुल्ह की मरम्मत को लेकर विधायक परमार तैयार हैं तो वह इस पर काम करने को तैयार हैं। वह अधिकारियों के साथ बैठक करके इस पर राय ले लें। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कुल्हों को ठीक करने के लिए सरकार को जो भी प्रयास करने पड़ेंगे, वह करेगी।
इससे पहले चर्चा में भाग लेते हुए विपिन सिंह परमार ने कहा कि बनैर खड्ड में पानी की पाइपों का जाल तो बिछाया गया, लेकिन लीकेज की वजह से पानी आगे किसानों के खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा है। उन्होंने कहा कि इस पर चार करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।
परमार ने कहा कि यहां पर हाइड्रो प्रोजेक्ट भी जितना पानी कथुल्ल के लिए पानी छोड़ा जाना चाहिए था, वह नहीं छोडा जा रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि हाइड्रो प्रोजेक्टों से जितना पानी छोड़ा जाना है, उतना पानी छोड़ना तय किया जाए।