नवम्बर 26, 2024 3:40 अपराह्न

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हिंद महासागर क्षेत्र में नीली अर्थव्‍यवस्‍था की संभावना पर वॉएज श्रीलंका-2024 सम्‍मेलन का कोलंबो में किया गया आयोजन

हिंद महासागर क्षेत्र में नीली अर्थव्‍यवस्‍था की संभावना पर आयोजित सम्‍मेलन वॉएज श्रीलंका-2024 का आयोजन आज कोलंबो में किया गया था। इस सम्‍मेलन में भारत-श्रीलंका वाणिज्‍य और उद्योग चैंबर के उपाध्‍यक्ष डॉ. नरेश बाना ने कहा कि पड़ोसी प्रथम नीति और भारत तथा श्रीलंका के बीच व्‍यापक व्‍यापार तथा वाणिज्‍य दोनों देशों के लिए महत्‍वपूर्ण है।

 

 

उन्‍होंने कहा कि भारत ऊर्जा क्षेत्र, बंदरगाह, रेलवे आदि सहित कई तरीको से श्रीलंका की सहायता करता रहा है। डॉ. बाना ने कहा कि अंतरराष्‍ट्रीय सौर गठबंधन के जरिए भारत ने क्षमता निर्माण, वित्त और परियोजनाओं के कार्यान्‍वयन के जरिए श्रीलंका की मदद की है। भारत ने श्रीलंका को लगभग 500 मेगावॉट की पवन ऊर्जा क्षमताओं को विकसित करने में भी सहायता प्रदान की है।

 

इस कार्यक्रम का आयोजन नीली अर्थव्‍यवस्‍था पर क्षेत्र के विशेषज्ञों और हितधारकों को एक साथ लाते हुए कोलंबो में श्रीलंका के निर्यात विकास बोर्ड द्वारा किया गया था।

 

नीली अर्थव्‍यवस्‍था भारत के सकल घरेलू उत्‍पाद में 4 प्रतिशत का योगदान करता है। यह सभी अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापार का 95 प्रतिशत है। भारत की जी-20 अध्‍यक्षता ने सतत् और अनुकूल नीली अर्थव्‍यवस्‍था निर्मित करने की आवश्‍यकता को उजागर किया।