हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद – ईपीसीएच के अध्यक्ष दिलीप वैद ने आज कहा कि बिहार के हस्तशिल्प के निर्यात को मौजूदा तीस करोड़ रुपये बढ़ाकर आने वाले समय में करीब 100 करोड तक पहुंचाया जायेगा। श्री वैद ने आकाशवाणी समाचार से बातचीत में कहा कि ईपीसीएच ने राज्य में पहला कार्यालय खोला है इससे निर्यात , पैकेजिंग, विपणन, कौशल विकास और शिल्पियों को तकनीक तथा डिजाइन के प्रशिक्षण में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह देश के भीतर उत्पादों की बिक्री को भी बढायेगा।
वहीं परिषद के कार्यकारी निदेशक आर के वर्मा ने कहा कि पहले से राज्य में छह कलाओं को जीआई टैग मिल चुका है। इसमें भागलपुर का सिल्क, खटुआ का एप्लिक चित्रकला, मधुबनी पेंटिंग, सुजनी, सिक्की ग्रास क्राफ्ट और मंजूषा शामिल हैं। इस लिए निर्यात को लेकर काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि 12 प्रकार के शिल्प की पहचान की गयी है।