हरियाणा में जल्द ही वन-मित्र योजना के तहत वन-मित्रों की भर्ती की जाएगी जिन्हें पौधों की देखभाल करने के लिए मानदेय दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री नायब सिंह ने आज चंडीगढ़ में वन एवं वन्य जीव विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के बाद यह जानकारी दी।
बैठक के दौरान उन्होंने ” प्राण वायु देवता योजना ” की विवरणिका का विमोचन भी किया। बैठक में पर्यावरण , वन एवं वन्य जीव राज्यमंत्री श्री संजय सिंह भी उपस्थित थे।उन्होंने प्रति वर्ष वन विभाग द्वारा बरसात के मौसम में चलाए जाने वाले वृक्षारोपण अभियान की विस्तार से समीक्षा की और इन पौधों की जियो -टैगिंग करने तथा ड्रोन की मदद से पांच साल तक उनके बढ़ने पर नज़र रखने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों को वन विभाग द्वारा वन -क्षेत्र में पहले से लगे हुए तथा हर वर्ष पौधारोपण अभियान के तहत लगाए जाने वाले पौधों की ड्रोन से नियमित मैपिंग करवाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि वन -क्षेत्र से अवैध कटाई को कतई सहन नहीं किया जाएगा , अगर इसमें किसी कर्मचारी की सहभागिता पाई गई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वन भूमि पर आग लगने पर बुझाने में देरी होने पर वन सरंक्षक से लेकर उच्चाधिकारी तक की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
उन्होंने बताया कि अधिकारियों को कलेसर , सुल्तानपुर जैसे नेशनल पार्क और अन्य गहरे जंगलों में नहरों या ट्यूबवैलों से पानी पहुँचाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि ज्यादा गर्मी में वन्य जीवों के लिए यह पानी पीने के काम आ सके और इससे आगजनी की घटना होने पर आग बुझाने में सहयोग मिल सकेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस वर्ष 2024 -25 में 150 करोड़ रुपए का बजट पौधारोपण के लिए आवंटित किया गया है जबकि हर्बल पार्क के लिए 10 करोड़ खर्च किये जाएंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि “प्राण वायु देवता” योजना के तहत अभी तक 75 वर्ष से अधिक उम्र के 3819 पेड़ों की पहचान की गई है जिनकी देखभाल करने वालों को राज्य सरकार द्वारा 2750 रूपये प्रति वर्ष पेंशन दी जा रही है।