हरिद्वार में कांवड़ मेला अपने चरम पर है। अब तक एक करोड़ 84 लाख से अधिक शिवभक्त पवित्र गंगाजल लेकर अपने गंतव्यों के लिए रवाना हो चुके हैं। पैदल कांवड़ समाप्ति की ओर है, जबकि डाक कांवड़ियों का सैलाब तीर्थनगरी में उमड़ रहा है। समूची तीर्थनगरी शिवमय हो गई है और पूरा शहर हर-हर, बम-बम भोले के जयकरों से गुंजायमान है।
वहीं, देश के विभिन्न राज्यों से हरिद्वार आने वाले कांवड़ियों द्वारा तैयार की गईं कांवड़ भी लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। ये कांवड़ रंग-बिरंगी लाइटों से सजाई गई हैं। सूरज के ढलने के साथ ही ये रंग बिरंगी झांकियों वाली कांवड़ जहां से गुजरती हैं, वहां देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है तथा रात को यह नज़ारा और भव्य दिखाई दे रहा है। वहीं, कांवड़िये डीजे की धुनों पर कांवड़ लेकर जा रहे हैं।
कांवड़ियों की यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने वृहद स्तर पर व्यवस्थाएं की हैं। डाक कांवड़ के वाहनों की गति पर नियंत्रण के लिए खास तैयारियां की गईं हैं, ताकि किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। डाक कांवड़ के कारण कोई दुर्घटना न हो, इसके लिए सभी चौक और तिराहों पर पुलिस बल तैनात किया गया है।