हमास ने शेष सभी इस्राइली बंधकों को रिहा करने पर सहमति जताई है, लेकिन कहा है कि वह अमरीकी शांति योजना के कई प्रमुख बिंदुओं पर आगे बातचीत चाहता है। हमास से जारी एक बयान में कहा गया है कि वह राष्ट्रपति ट्रम्प के प्रस्ताव में बंधकों के आदान-प्रदान की उचित शर्तें पूरी करने की सूरत में सभी जीवित या मृत इस्राइली लोगों को रिहा करने पर सहमत है। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि हमास गाजा के भविष्य और फ़िलिस्तीनियों के अधिकारों से संबंधित अन्य मुद्दों पर आगे बातचीत की मांग कर रहा है और कह रहा है कि इन मुद्दों पर अभी भी चर्चा चल रही है।
यह घोषणा अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा हमास को शांति योजना स्वीकार करने या पूरी तरह से बर्बाद करने के लिए रविवार की समय सीमा दिए जाने के कुछ घंटों बाद हुई है। हमास द्वारा अपना जवाब प्रस्तुत करने के बाद, ट्रम्प ने कहा कि उनका मानना है कि यह आतंकवादी समूह स्थायी शांति के लिए तैयार है। अमरीकी राष्ट्रपति ने इस्राइल से गाजा पर बमबारी तुरंत रोकने का आह्वान किया, ताकि बंधकों को सुरक्षित और शीघ्रता से बाहर निकाला जा सके। हमास के राजनीतिक ब्यूरो प्रमुख के मीडिया सलाहकार ताहिर अल-नूनू ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के बयान उत्साहजनक हैं और वह बंधकों की अदला-बदली, युद्ध की समाप्ति और कब्जे की वापसी सुनिश्चित करने के लिए तुरंत बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है। हमास के बयान में ट्रंप की 20-सूत्रीय योजना का न तो विशेष रूप से उल्लेख किया गया है और न ही उसे स्वीकार किया गया है, लेकिन कहा गया है कि वह गाजा पट्टी का प्रशासन फिलिस्तीनी राष्ट्रीय सहमति और अरब व इस्लामी समर्थन के आधार पर स्वतंत्र फिलिस्तीनी (टेक्नोक्रेट) निकाय को सौंपने के अपने समझौते का नवीनीकरण करता है। हालाँकि, बयान में योजना की उस प्रमुख माँग का कोई उल्लेख नहीं है जिसमें हमास के निरस्त्रीकरण पर सहमत होने और गाजा के शासन में आगे कोई भूमिका न निभाने की बात कही गई है।
शांति योजना में संघर्ष को तत्काल समाप्त करने और हमास द्वारा बंधक बनाए गए 20 जीवित इस्राइली बंधकों और मृत समझे जाने वाले बंधकों के अवशेषों को 72 घंटों के भीतर सैकड़ों बंदी गाजावासियों के बदले रिहा करने का प्रस्ताव है।
माना जाता है कि फ़िलिस्तीनी क्षेत्र में सशस्त्र समूह द्वारा अभी भी 48 बंधक बनाए गए हैं, जिनमें से केवल 20 के जीवित होने की संभावना है। योजना के प्रावधान के अनुसार दोनों पक्षों के प्रस्ताव पर सहमत होने के बाद गाजा पट्टी में तुरंत पूरी सहायता भेजी जाएगी। अमरीकी योजना के तहत गाजा पर शासन करने में हमास की कोई भूमिका नहीं होगी और इससे एक फ़िलिस्तीनी राज्य के गठन का रास्ता खुल जाएगा।