उत्तर प्रदेश विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का तीसरा दिन हंगामेदार रहा। कांग्रेस ने कल कानून व्यवस्था और बेरोज़गारी के मुद्दे पर धरना दिया और विधानसभा का घेराव करने की कोशिश की। जिसके चलते दिनभर लखनऊ शहर में यातायात प्रभावित रहा। वहीं विधान सभा के अंदर भी कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन का मुद्दा छाया रहा। सदन में कांग्रेस की नेता प्रतिपक्ष आराधना मिश्रा ने सरकार पर धरना प्रदर्शन में शामिल न होने देने का आरोप लगाया। सदन में इसका जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार बिना किसी के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किए रूल ऑफ लॉ को लागू कर रही है।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि आज प्रदेश हर क्षेत्र में विकास कर रहा है, जबकि कांग्रेस के पास कोई जनाधार नहीं बचा है।
विधानसभा में प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर पूछे गए प्रष्न के उत्तर में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के जवाब पर सपा सदस्यों ने भी जमकर हंगामा किया। हंगामें के कारण सपा विधायक अतुल प्रधान को विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने पूरे शीतकालीन सत्र के लिए निष्कासित कर दिया। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सपा के सदस्य सदन के अंदर नियमों के विरुद्ध बयानबाजी कर रहे हैं।
उधर, विधान परिषद में बिजली के निजीकरण, उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के खिलाफ धरना दे रहे शिक्षकों और हाई स्कूल तथा इंटरमीडिएट परीक्षा में नियमों की अनदेखी कर परीक्षा केन्द्र बनाये जाने का भी मुद्दा उठा। इसके अलावा परिषद की कारवाई के दौरान सात विधेयक भी पेश किए गए।