स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने आज बीमारी से निपटने के लिए थैलेसीमिया की समय पर पहचान और रोकथाम के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश में थैलेसीमिया के लगभग एक लाख मरीज हैं और प्रतिवर्ष लगभग दस हजार नए मरीज सामने आते हैं। उन्होंने स्क्रीनिंग के माध्यम से समय पर बीमारी का पता लगाकर तत्काल इलाज पर जोर दिया। नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम में श्री चंद्रा ने बीमारी की व्यापकता को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत वर्तमान प्रजनन और बाल स्वास्थ्य कार्यक्रमों में थैलेसीमिया परीक्षण को अनिवार्य करने पर बल दिया।
थैलेसीमिया एक वंशानुगत रक्त विकार है जिसके कारण शरीर में सामान्य से कम हीमोग्लोबिन होता है