स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि भारत वर्ष 2030 तक एचआईवी और एड्स को समाप्त करने के संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होनें यह संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र में पुनरोद्धार बहुपक्षवाद: क्षय रोग को एक साथ समाप्त करने के लिए पुनः प्रतिबद्धता पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा। उन्होनें एंटी-रेट्रोवायरल दवाओं के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता के रूप में भारत की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। भारत इस श्रेणी में 70 प्रतिशत से अधिक वैश्विक दवाओं की आपूर्ति करता है।
श्रीमती पटेल ने बताया कि देश सभी गर्भवती महिलाओं को व्यापक रूप से एचआईवी और सिफलिस परीक्षण प्रदान कर रहा है। इसमें हर वर्ष 3 करोड़ से अधिक मुफ्त एचआईवी परीक्षण किए जा रहे हैं और एक करोड़ सत्तर लाख से अधिक लोग सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों के माध्यम से मुफ्त एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2010 के बाद से नए वार्षिक एचआईवी संक्रमण में 44 प्रतिशत की कमी आई है, जो वैश्विक कमी दर 39 प्रतिशत से बेहतर है।
श्रीमती पटेल ने कहा कि एचआईवी और एड्स अधिनियम, 2017 के माध्यम से इसको लेकर बनी अवधारणाओं को दूर करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। साथ ही यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी राज्य शिकायतों के निवारण और एचआईवी रोकथाम नीतियों को बढ़ावा देने के लिए लोकपाल नियुक्त करें।