सर्वोच्च न्यायालय ने पत्र सूचना कार्यालय के अंतर्गत तथ्य जांच इकाई स्थापित करने के बारे में केन्द्र की अधिसूचना पर सूचना प्रौद्योगिकी नियमों में 2023 के संशोधनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बॉम्बे उच्च न्यायालय का अंतिम निर्णय आने तक रोक लगा दी है। इलैक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कल इस इकाई की स्थापना के बारे में अधिसूचना जारी की थी।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चन्द्रचूड की अध्यक्षता वाली पीठ ने केन्द्र सरकार के बारे में सोशल मीडिया पर फर्जी और झूठी सामग्री का पता लगाने के लिए संशोधित सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के अंतर्गत यह इकाई स्थापित करने पर अंतरिम रोक लगाने से इन्कार करने के बॉम्बे उच्च न्यायालय के 11 मार्च के आदेश को रद्द कर दिया।
यह अधिसूचना, केन्द्र को इस इकाई की अधिसूचना जारी करने से रोकने के बॉम्बे उच्च न्यायालय के फैसले के कुछ दिन बाद जारी की गई। यह याचिका हास्य कलाकार कुणाल कामरा और एडीटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने दायर की थी।
याचिकाकर्ताओं ने बॉम्बे उच्च न्यायालय के इस फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।