गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि सीमा सुरक्षा बल वीरता, शौर्य और बलिदान के दम पर छह दशकों से देश की सीमा सुरक्षा की प्रथम पंक्ति को मजबूत करने में कार्यरत है। जोधपुर में आज सीमा सुरक्षा बल के 60वें स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए श्री शाह ने कहा कि 1965 से देश की पूर्वी और पश्चिमी सीमाओं को सुरक्षित रखने में सीमा सुरक्षा बल ने उत्कृष्ट कार्य किया है।
गृह मंत्री ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल ने घुसपैठ, फर्जी नोटों और वामपंथी उग्रवाद को रोकने सहित विभिन्न मोर्चो पर कार्य किया है। गृहमंत्री ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल के बिना देश की बढ़ती सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करना असंभव है। यही कारण है कि 25 बटालियन के साथ स्थापित किए गए सीमा सुरक्षा बल का निरंतर विस्तार हो रहा है।
गृहमंत्री ने कहा कि हमारे देश की सीमा सुरक्षा संबंधी नीति कई वर्षों तक अस्पष्ट रही, परन्तु मोदी सरकार ने इस बारे में गंभीरता से काम किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश के सुरक्षा परिदृश्य में बड़ा बदलाव आया है। श्री अमित शाह ने कहा कि भारत सरकार ने सीमा पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया है और इसके लिए हर वर्ष बजट में विशेष प्रावधान किया जाता है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने सीमा पर स्थित गांवों के लिए जीवंत ग्राम योजना शुरू की है, जिससे कि सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों को सम्मान, रोजगार और सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी जा सके। लगभग तीन हजार गांवों में प्रायोगिक आधार पर यह कार्यक्रम शुरू किया गया था। गृहमंत्री ने बताया कि अर्द्ध सैनिक बलों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने और उनकी समस्याओं के निवारण के लिए सरकार लगातार कदम उठाती रही है। इससे पहले श्री अमित शाह ने परेड का निरीक्षण किया। उन्होंने जवानों को उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए वीरता पुरस्कार और पुलिस सेवा पदक प्रदान किए।