चमोली जिले के बदरीनाथ विधानसभा उप चुनाव को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी हिमांशु खुराना ने सीमांत-नीती घाटी के सबसे दूरस्थ मतदेय स्थलों का निरीक्षण कर चुनाव व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उत्तराखंड राज्य गठन के बाद पहली बार सीमांत नीती-माणा घाटी के 3 हजार 838 माइग्रेट मतदाता अपने मूल गांव में ही मतदान करेंगे। इन दिनों ग्रीष्मकाल में नीती-माणा घाटी के लोग अपने मूल गांव में रह रहे हैं।
इसी के मद्देनजर प्रशासन ने नीती-माणा घाटी में नौ पोलिंग बूथ बनाए हैं, जिसमें मलारी, कैलाशपुर, गमशाली, जेलम, कोषा, द्रोणागिरि, जुम्मा, नीती और माणा शामिल हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी ने नीती घाटी के सबसे दूर स्थित पोलिंग बूथ नीती, गमशाली और मलारी का निरीक्षण कर चुनाव व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने पोलिंग बूथों पर मरम्मत, रंगरोगन के साथ पेयजल, शौचालय, बिजली, रैंप और मतदाताओं के लिए अन्य मूलभूत सुविधाओं को 30 जून तक दुरुस्त करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि बूथों पर गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांग मतदाताओं की सुविधाओं का भी विशेष ख्याल रखा जाए। इस दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी नीती गांव के ग्रामीणों से भी मिले और उनको उप चुनाव की जानकारी देते हुए आगामी 10 जुलाई को अपने पोलिंग बूथ पर मतदान के लिए प्रोत्साहित किया