केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो-सीबीआई ने एचपीजेड टोकन निवेश धोखाधड़ी मामले में कथित तौर पर मुख्य साजिशकर्ता माने जा रहे दो चीनी नागरिकों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। अधिकारियों ने बताया कि इस धोखाधड़ी मामले में कोविड काल के दौरान फर्जी कंपनियों के जरिए एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की रकम का गबन किया गया। सीबीआई का आरोप है कि चीनी स्वामित्व और नियंत्रण वाली शिगू टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड ने एचपीजेड टोकन नामक फर्जी मोबाइल एप्लिकेशन का इस्तेमाल करके कोविड लॉकडाउन के दौरान जनता को कथित तौर पर धोखा दिया। कंपनी ने दावा किया था कि निवेश का इस्तेमाल क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग के लिए किया जाएगा और इससे बहुत अधिक मुनाफा होगा।
सीबीआई ने जब जांच अपने हाथ में ली, तो उसने तुरंत स्थानीय स्तर पर कार्रवाई करते हुए छह लोगों को गिरफ्तार किया। जांच में एक विशाल और जटिल कार्रवाई का खुलासा हुआ, जिसमें सभी 27 आरोपी शामिल थे।