अक्टूबर 10, 2024 12:36 अपराह्न

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सिनेमा ने देश में एकता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव

सूचना और प्रसारण मंत्री, अश्विनी वैष्णव ने जोर देकर कहा है कि भारतीय सिनेमा ने अपनी विशाल भाषाई और सांस्कृतिक विविधता के साथ देश में एकता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। श्री वैष्णव ने एक लेख में कहा कि सिनेमा विविधता और साझा भविष्‍य की कहानियों से एक भारत, श्रेष्ठ भारतके दृष्टिकोण को मजबूत करने का शक्तिशाली माध्‍यम बना हुआ है। 

   

सूचना और प्रसारण मंत्री ने महान फिल्म निर्माता सत्यजीत रे के इस कथन कि सिनेमा की भाषा सार्वभौमिक है का उल्‍लेख करते हुए सिनेमा की विविधता में एकता की क्षमता पर प्रकाश डाला। श्री वैष्णव ने कहा कि भारतीय सिनेमा क्षेत्रीय और भाषाई सीमाओं को पार कर साझा भावनाओं और अनुभवों को उजागर करता है।

   

श्री वैष्‍णव ने कहा कि जानेमाने अभिनेता राज कपूर की सदाबहार फिल्‍म श्री 420 से लेकर मणिरत्नम की रोजा तक, भारतीय फिल्मों ने भाषा से ऊपर उठकर लोगों के दिलों पर राज किया। उन्होंने कहा, सिनेमा की सार्वभौमिकता, विशेष रूप से देश में, संघर्ष, प्रेम और विजय के सामान्य ताने-बाने का प्रदर्शन करते हुए सभी दर्शकों के बीच अपनी जगह बनाती है। उन्होंने कहा, गरम हवा और दो बीघा जमीन जैसी फिल्में यह भी बताती हैं कि सिनेमा कैसे सामाजिक चुनौतियों का दर्पण बनने के साथ-साथ एकता को भी बढ़ावा देता है।

   

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, श्री वैष्णव ने कहा, समावेशिता की इस भावना को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के माध्यम से हर साल मनाया जाता है, जहां राष्ट्र फिल्म निर्माण में सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं का सम्‍मान करता है। उन्‍होंने कहा कि 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में विभिन्न भाषाओं के साथ तिवा भी शामिल थी, जो तिब्बत और बर्मा के जातीय समूह द्वारा बोली जाने वाली भाषा है। उन्होंने कहा कि हरियाणवी, मलयालम और कन्नड़ जैसी भाषाओं की फिल्मों को भी सम्मानित किया गया, जो भारत की विशाल सांस्कृतिक छवि को दर्शाती हैं।

   

उन्‍होंने कहा क‍ि बॉलीवुड ने हिंदी को व्यापक रूप से लोकप्रिय बनाया है, लेकिन सिनेमा का बड़ा योगदान देश की भाषाई और सांस्कृतिक विविधता के बारे में जागरूकता बढ़ाना रहा है। उन्‍होंने कहा कि आरआरआर की नातू नातूकी वैश्विक सफलता से पता चलता है कि भारतीय फिल्मों ने न केवल देश को एकजुट किया है बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी धूम मचाई है।

   

श्री वैष्‍णव ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिएटिव टैक्नोलॉजी की स्थापना सहित सरकार की अन्‍य पहलों का उल्‍लेख करते हुए कहा कि इनका उद्देश्य भारतीय सिनेमा को वैश्विक मंच पर प्रमुख स्‍थान दिलाना है।