भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आज कहा कि 1960 की सिंधु जल संधि एक ऐसा निर्णय था जिसने भारत की जल सुरक्षा और राष्ट्रीय हित को हमेशा के लिए खतरे में डाल दिया। सोशल मीडिया पोस्ट में, श्री नड्डा ने कहा कि यह पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की सबसे बड़ी भूलों में से एक थी।
श्री नड्डा ने कहा कि इस संधि का सबसे खतरनाक पहलू यह था कि श्री नेहरू ने संसद से परामर्श किए बिना ही जल संधि पर सितम्बर, 1960 में हस्ताक्षर कर दिए थे। जबकि इसे दो महीने के बाद संसद के समक्ष रखा गया।
श्री नड्डा ने कहा कि राष्ट्र को यह जानना चाहिए कि जब श्री नेहरू ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किए थे, तो उन्होंने एकतरफा तौर पर सिंधु बेसिन के 80 प्रतिशत जल को पाकिस्तान को सौंप दिया था, जिससे भारत के पास केवल 20 प्रतिशत हिस्सा रह गया था।