अगस्त 2, 2024 9:36 अपराह्न

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सावन मास की शिवरात्रि पर प्रदेश भर के शिवालयों में जलाभिषेक और पूजा-अर्चना के लिए कांवड़ियों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी

सावन मास की शिवरात्रि पर प्रदेश भर के शिवालयों में जलाभिषेक और पूजा-अर्चना के लिए कांवड़ियों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। वाराणसी, गाजियाबाद, बाराबंकी, बदायूं, मेरठ, बस्ती, अमरोहा, बागपत और जौनपुर समेत प्रदेशभर के शिवालयों में कपाट खुलते ही भगवान विश्वनाथ की आरती के बाद पूजा-अर्चना हुई और जलाभिषेक प्रारंभ हो गया। मंदिरों में दिनभर हर-हर महादेव का जयघोष गूंजा। वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम में सुबह से ही भक्तों की लंबी कतार देखने को मिली। मंदिर प्रशासन के मुताबिक, षाम पांच बजे तक एक लाख 25 हजार से अधिक भक्तों ने महादेव की दरबार में हाजिरी लगाई। वहीं मुख्यमंत्री के निर्देश पर लगातार तीसरे दिन आज मेरठ और बागपत में कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा की गई। श्रावण शिवरात्रि के पावन अवसर पर मेरठ मंडल की मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे और आईजी नचिकेता झा ने मेरठ में बाबा औघड़नाथ मंदिर और बागपत में पुरा महादेव मंदिर में कांवड़ियों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की। दोनों अधिकारियों ने पुष्प वर्षा के साथ ही मंदिर परिसर का सर्वेक्षण किया और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा होते देख कावंडिये खुशी से झूम उठे।
हापुड़ में बड़ी संख्या में जलाभिषेक के लिये पहुंचे कांवड़ियों में काफी उत्साह दिखा। हापुड़ में महादेव का जलाभिषेक करने के लिए हरिद्वार और बृज घाट से बड़ी संख्या में कांवड़िए जल लेकर पहुंचे हैं। भगवा रंग में रंगी जनपद की सड़कें बोल बम के जयकारों से गुंजायमान हैं। हापुड़ में आज जनपद समेत गाजियाबाद, बुलंदशहर, अमरोहा,अलीगढ़, दिल्ली के करीब 3 लाख श्रद्धालुओं ने जल भरकर कांवड़ उठाई। हापुड़ जनपद के गढ़मुक्तेश्वर स्थित मुक्तेश्वर महादेव, प्राचीन शिव मंदिर सबली स्थित सबली महादेव,प्राचीन शिव मंदिर, छपकोली श्यामेश्वर महादेव, प्राचीन शिव मंदिर दहपा,प्राचीन शिव मंदिर दत्तियाना भूतेश्वर महादेव और प्राचीन मंदिर सरावा झाड़खंडी महादेव, कल्याणपुर स्थित कल्याणेश्वर महादेव मंदिर में कांवड़ियों ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया। त्रयोदशी तिथि और चतुर्दशी तिथि मिलने से शिव पूजा के लिए खास है। जलाभिषेक के दौरान पुलिस प्रशासन पूरी सतर्क दिखाई दिया। पुलिस प्रशासन की ओर से शिव भक्तों पर पुष्प वर्षा की गई, जो आकर्षण का केंद्र रही।