सावन के पहले सोमवार को प्रदेश के शिव मंदिरों में सुबह से भक्तों का तांता लगा हुआ है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ धाम समेत वाराणसी के कैथी स्थित मार्कण्डेय महादेव मंदिर, सारनाथ स्थित सारंगनाथ मंदिर, लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर, बुद्धेश्वर महादेव, रायबरेली के मोहनेश्वर धाम मंदिर, कानपुर के बाबा नागेश्वर मंदिर, बाराबंकी के लोधेश्वर महादेव मंदिर समेत अन्य मंदिरों में भक्तों की कतारें देखने को मिल रही हैं।
अयोध्या में 108 ज्योतिर्लिंगों में एक नागेश्वर नाथ और क्षीरेश्वर नाथ मंदिर, बलरामपुर के प्राचीन झारखंडी मंदिर और जंगली नाथ मंदिर और अमरोहा के वासुदेव तीर्थ में शिव भक्त जलाभिषेक कर रहे हैं। अमरोहा में नेशनल हाईवे पर भारी वाहनों को डायवर्ट कर एक साइड कांवड़ियों के लिए आरक्षित की गई है। वाराणसी के काषी विष्वनाथ मंदिर मंदिर प्रशासन के अनुसार आज 5 लाख से ज्यादा भक्त काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन पूजन करेंगे।
सावन के पहले सोमवार पर श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन, पूजन और जलाभिषेक के लिए रविवार देर रात से ही कांवड़ियों की कतार लगी रही। जैसे ही भगवान शिव के मंगला आरती के लिए कपाट खुले भक्त श्हर-हर महादेवश् के गगनचुंबी उद्घोष से पूरा इलाका शिवमय कर दिया.भोर में मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा और मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने शिवभक्तों पर पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया।
गंगा जमुनी तहजीब का परिचय देते हुए मुस्लिम समुदाय केलोगों ने भी श्रद्धालुओं के ऊपरपुष्प वर्षा की। सुरक्षा की दृष्टि सेगंगा घाट के किनारों पर वाराणसी में गंगा नदी के बढ़े हुए जलस्तर में एनडीआरएफ के बचाव कर्मी दिन-रात निडर होकर गहरे पानी वाले खतरनाक स्थानों को चिह्नित कर श्रद्धालुओं को वहां जाने की सख्त हिदायत दे रहे हैं। मंदिर प्रशासन के अनुसार आज 5 लाख से ज्यादा लोक काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन करेंगे।