सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब सरकार को आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने की व्यवस्था करने में विफल रहने पर फटकार लगाई है। श्री दल्लेवाल 26 नवंबर से पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी में किसानों की लंबे समय से चली आ रही मांगों को पूरा करने के लिए अनशन कर रहे हैं। इन मांगों में फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी, कर्ज माफी और कृषि सुधार शामिल हैं। न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली अवकाश पीठ ने पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह से कहा कि वे अदालत के पिछले आदेशों का पालन करें, जिसमें राज्य सरकार को दल्लेवाल के स्वास्थ्य को स्थिर बनाए रखने का निर्देश दिया गया था। 20 दिसंबर को सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब सरकार को दल्लेवाल का स्वास्थ्य सुनिश्चित करने और जरूरत पड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने का निर्देश दिया था। सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को दो दिनों में इन निर्देशों का पालन करने का आदेश दिया है। मामले की सुनवाई 31 दिसंबर को होगी। न्यायालय ने चेतावनी दी है कि यदि उसके आदेशों का पालन नहीं किया गया तो वह अगली सुनवाई में अधिकारियों के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाई पर विचार करेगा।