सर्वोच्च न्यायालय ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण के देशव्यापी कार्यान्वयन को चुनौती देने वली जनहित याचिका आज खारिज कर दी। याचिका में लाखों वाहन मालिकों को उनके वाहनों के लिए डिज़ाइन नहीं किए गए ईंधन का उपयोग करने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया गया था। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने याचिका में दिए गए तर्कों को खारिज कर दिया। इसमें पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय को सभी ईंधन स्टेशनों पर एथेनॉल-मुक्त पेट्रोल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश देने की मांग की गई थी।
इस बीच, केंद्र सरकार ने याचिका का विरोध करते हुए कहा है कि 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रित ईंधन, गन्ना किसानों के लिए लाभदायक है।