सर्वोच्च न्यायालय ने एक दलित विद्यार्थी को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थाएँ धनबाद में प्रवेश सुनिश्चित कर बड़ी राहत दी है। इस निर्धन विद्यार्थी को पैसे जुटाकर ऑनलाइन प्रवेश शुल्क जमा कराने में कुछ मिनटों की देर हो गई थी और वह प्रवेश से वंचित हो गया था।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी0 वाई0 चंद्रचूड़ की पीठ ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता को आईआईटी आइएसएम धनबाद के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में सीट दी जाए।शीर्ष न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया है कि याचिकाकर्ता को उसी बैच में प्रवेश दिया जाए, जिसके लिए उसका चयन हुआ था और वे सभी लाभ भी उपलब्ध कराए जायें जिनके लिए वह पात्र है।
इस बीच आईआईटी आईएसएम धनबाद के डिप्टी डायरेक्टर प्रोफेसर धीरज कुमार ने शीर्ष अदालत के आदेश का स्वागत किया है।