सर्वोच्च न्यायालय ने अपना फैसला पलटा, कहा- बच्ची का हित सर्वोपरि

 

    सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने अपने उस फैसले को वापस लिया है जिसमें एक 14 वर्षीय दुष्‍कर्म पीड़िता की लगभग 30 सप्‍ताह के गर्भपात की अनुमति दी गई थी। यह फैसला तब आया जब पीड़िता के परिजनों ने उसके स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर चिंता व्‍यक्‍त की। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जे बी पारदीवाला की पीठ ने यह कहते हुए अपने फैसले को बदला कि बच्ची का हित सर्वोपरि है।

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