उन्नाव दुष्कर्म मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दी गई उम्रकैद की सजा को निलंबित करने के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो – सीबीआई की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय कल सुनवाई करेगा।
यह मामला भारत के मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत, न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की अवकाशकालीन बेंच के समक्ष सूचीबद्ध है। कोर्ट फिलहाल शीतकालीन अवकाश के कारण बंद है और 5 जनवरी से नियमित रूप से काम करना शुरू करेगा।
सेंगर को निचली अदालत ने इस आधार पर सजा सुनाई थी कि वे ‘लोक सेवक’ की परिभाषा के अंतर्गत आते हैं। उच्च न्यायालय ने इस सप्ताह की शुरुआत में जमानत देते हुए कहा कि सेंगर के मामले में यह नियम लागू नहीं होता क्योंकि उन्हें ‘लोक सेवक’ की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। सीबीआई ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष तर्क दिया कि उच्च न्यायालय ने यह मानने में कानूनन गलती की है कि एक विधायक ‘लोक सेवक’ की परिभाषा के अंतर्गत नहीं आता है।
कुलदीप सिंह सेंगर को दिसंबर 2019 में दिल्ली की एक निचली अदालत ने उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के आरोप में दोषी ठहराया था और कारावास की सजा सुनाई थी।