सरायकेला-खरसावां जिले के राजनगर प्रखंड के रोला में संताली लिपि ओलचिकी के जनक पंडित रघुनाथ मुर्मू की 120वीं जयंती पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में वक्ताओं ने पंडित मुर्मू के योगदान को याद करते हुए संथाली भाषा को झारखंड की प्रथम राजभाषा बनाने की मांग दोहराई।
मौके पर झारखंड प्रदेश के पोनोत परगना सुगनाथ हेंब्रोम ने उनके संदेशों को आत्मसात करने की अपील की।