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अगस्त 25, 2025 10:43 अपराह्न

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सरकार ने सरदार वल्लभभाई पटेल और जनजातीय नेता बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती और अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मशती मनाने के लिए तीन उच्च-स्तरीय समितियों का गठन

सरकार ने सरदार वल्लभभाई पटेल और जनजातीय नेता बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती और अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मशती मनाने के लिए तीन उच्च-स्तरीय समितियों का गठन किया है। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीनों समितियों के अध्यक्ष होंगे। समिति को देश भर में योजनाओं, कार्यक्रमों को मंजूरी देने, स्मरणोत्सव समारोह की निगरानी और मार्गदर्शन करने का कार्य सौंपा गया है।

    वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नाडियाड में हुआ था। श्री पटेल ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने अत्यंत कम समय में 565 रियासतों को भारत संघ में सफलतापूर्वक एकीकृत करके एक अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की थी। वल्लभभाई पटेल को भारत का लौह पुरुष भी कहा जाता है।

    बिरसा मुंडा एक प्रसिद्ध जनजातीय नेता और स्वतंत्रता सेनानी थे। बिरसा मुंडा के नेतृत्व में ब्रिटिश शासन के खिलाफ उलगुलान-क्रांति जैसे आदिवासी आंदोलन न केवल ब्रिटिश उत्पीड़न को चुनौती देने में महत्वपूर्ण थे, बल्कि राष्ट्रीय जागृति को भी प्रेरित किया। आदिवासी समुदायों द्वारा भगवान के रूप में पूजे जाने वाले बिरसा मुंडा ने शोषणकारी औपनिवेशिक व्यवस्था के खिलाफ एक उग्र प्रतिरोध का नेतृत्व किया, जिससे 15 नवंबर को उनकी जयंती आदिवासी नायकों को सम्मानित करने का एक उपयुक्त अवसर बन गई।

    अटल बिहारी वाजपेयी एक कवि, लेखक और राजनेता थे। उन्होंने तीन कार्यकालों तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, भारत ने 1998 में पोखरण-द्वितीय परमाणु परीक्षण किया।