केन्द्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा है कि सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास, आर्थिक विकास और कृषि के साथ-साथ सांस्कृतिक विकास और एकता पर विशेष जोर दिया है। आज सुबह नई दिल्ली में मीडिया को जानकारी देते हुए मंत्री ने कहा कि देश की भाषाएँ राष्ट्र की एकता और सांस्कृतिक इतिहास का महत्वपूर्ण आधार हैं। देश की ऐतिहासिक विविधता के बारे में श्री रेड्डी ने कहा कि भारत में 121 प्रमुख भाषाएँ और लगभग 1600 बोलियाँ हैं। उन्होंने कहा कि भाषाएँ न केवल संचार का एक माध्यम हैं, बल्कि ज्ञान संस्कृति और परंपराओं की महत्वपूर्ण विरासत भी हैं। श्री रेड्डी ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने भाषाओं और बोलियों को संरक्षित करने की पहल की है क्योंकि भाषाएँ सशक्तिकरण और व्यक्तिगत अभिव्यक्ति का महत्वपूर्ण माध्यम हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में त्रिभाषा फार्मूले की चर्चा करते हुए श्री रेड्डी ने कहा कि इससे छात्रों के लिए अधिक लचीलापन आएगा और आम लोगों को शिक्षा और रोजगार में क्षेत्रीय भाषाओं का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
श्री रेड्डी ने कहा कि इस साल अक्टूबर में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बांग्ला को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया। उन्होंने कहा कि भारत एकमात्र देश है जिसने 11 भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया है।