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अक्टूबर 31, 2025 4:40 अपराह्न

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समुद्री सुरक्षा भारत-आसियान संबंधों का केंद्र बिंदु है: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि समुद्री सुरक्षा भारत-आसियान संबंधों का केंद्र बिंदु है। उन्होंने दूसरे आसियान-भारत समुद्री अभ्यास पर सहमत होने के लिए आसियान सदस्य देशों की सराहना की। आज कुआलालंपुर में आसियान-भारत रक्षा मंत्रियों की अनौपचारिक बैठक में रक्षा मंत्री ने कहा कि समुद्री मार्गों की सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि हमारा 50% से भी अधिक व्यापार दक्षिण चीन सागर और मलक्का जलडमरूमध्य के माध्यम से होता है।

 

 

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत आपदा राहत, आतंकवाद की रोकथाम और समुद्री सुरक्षा प्रयासों में योगदान देता है और दक्षिण चीन सागर में मुक्त नौवहन और अंतर्राष्ट्रीय कानून के पालन का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि बदलाव के दौर से गुजर रहे विश्व में आसियान और भारत के संबंध स्थिरता का मज़बूत स्तंभ बने रहेंगे। रक्षा मंत्री ने कहा कि आसियान और भारत दोनों ने तीव्र आर्थिक विकास किया है। उन्होंने आसियान के साथ व्यापार संबंधों को और मज़बूत करने के लिए आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौते की समीक्षा शीघ्र पूरी करने पर बल दिया।

 

 

रक्षा मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में महिलाओं की भूमिका पर आसियान-भारत पहल के दूसरे चरण का भी प्रस्ताव रखा। उन्‍होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने शांति अभियानों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। महिला शांति सैनिकों की तैनाती संघर्ष के समाधान और शांति स्थापित करने में सहायक है। रक्षा मंत्री ने एक समर्पित मंच स्थापित करने का प्रस्ताव रखा जो रक्षा थिंक टैंकों के बीच संस्थागत जुड़ाव को प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने कहा कि इससे रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में भारत और आसियान के बीच रणनीतिक सहयोग और मज़बूत होगा।

 

 

रक्षा मंत्री ने कहा कि आसियान-भारत समुद्री अभ्यास और अंतर्राष्ट्रीय बेड़ा समीक्षा 2026 भारत में आयोजित होगी। उन्होंने कहा कि इससे नौसेना सहयोग मज़बूत होगा, अंतर-संचालन क्षमता बढे़गी तथा समुद्री सुरक्षा, संरक्षा और नौवहन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।