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अक्टूबर 29, 2025 9:15 अपराह्न

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समुद्री क्षेत्र भारत के विकास को गति प्रदान कर रहा है : प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मुंबई में भारत समुद्री सप्‍ताह-2025 में समुद्री नेतृत्‍व सम्‍मेलन को संबोधित किया। उन्‍होंने वैश्‍विक समुद्री मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी मंच की अध्यक्षता भी की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने भारत की समुद्री और जहाज निर्माण क्षमताओं को मजबूत करने के लिए दो लाख 20 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शुभारंभ कियाश्री मोदी ने कहा कि समुद्री क्षेत्र भारत के विकास को गति प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले दशक में, इस क्षेत्र में बहुत परिवर्तन हुआ है, जिससे व्यापार और बंदरगाह बुनियादी ढांचे को प्रोत्‍साहन मिला है। प्रधानमंत्री ने कहा कि समुद्री क्षेत्र बहुत तेजी और ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्‍होंने कहा यह भारत के नौवहन क्षेत्र में काम करने और विस्तार करने का सही समय है। सम्मेलन में नौवहन क्षेत्र से संबंधित कई परियोजनाएं शुरू की गई। प्रधानमंत्री ने कहा कि नौवहन क्षेत्र में लाखों करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं। श्री मोदी ने कहा कि इस कार्यक्रम में 85 देशों के प्रतिभागियों की उपस्थिति इस कार्यक्रम की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

श्री मोदी ने कहा कि भारत जहाज निर्माण में नई ऊंचाइयों तक पहुंचने के तेज प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक सदी पुराने औपनिवेशिक नौवहन कानूनों को 21वीं सदी के लिए उपयुक्त आधुनिक और भविष्य के कानूनों से बदल दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के बंदरगाह आज विकासशील दुनिया में सबसे कुशल बंदरगाहों में गिने जाते हैं। उन्होंने कहा किकि भारतीय बंदरगाह कई पहलुओं में विकसित दुनिया से भी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि जहाजों के आने-जाने का औसत समय छियानवे घंटे से घटकर केवल अड़तालीस घंटे रह गया है।

उन्होंने समुद्री मानव संसाधनों में भारत की बढ़ती शक्ति पर जोर देते हुए कहा कि पिछले दशक में भारतीय नाविकों की संख्या सवा लाख से बढ़कर तीन लाख से अधिक हो गई है। उन्होंने कहा कि भारत नाविकों की संख्या के मामले में आज विश्व स्तर पर शीर्ष तीन देशों में है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय बंदरगाहों ने इस वर्ष अब तक का सबसे अधिक मालवहन कर एक नया रिकॉर्ड बनाया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वैश्विक तनाव, व्यापार व्यवधान और आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव के बीच, भारत रणनीतिक स्वायत्तता, शांति और समावेशी विकास के प्रतीक के रूप में खड़ा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वैश्विक समुद्र अशांत होने पर दुनिया एक स्थिर प्रकाशस्तंभ की तलाश करती है। उन्होंने कहा कि भारत उस भूमिका को मजबूती और स्थिरता के साथ निभाने के लिए तैयार है। श्री मोदी ने सभी प्रतिभागियों से शांति, प्रगति और समृद्धि की दिशा में एक साथ आगे बढ़ने और एक स्थायी भविष्य का निर्माण करने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने भारत की समुद्री और जहाज निर्माण क्षमताओं को मजबूत करने के प्रयास में दो लाख बीस हजार करोड़ रुपये की पहल की भी शुरुआत की। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, शांतनु ठाकुर और कीर्ति वर्धन सिंह, महाराष्ट्र के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस उपस्थित थे।

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