केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि यदि कोई व्यक्ति अपना जीवन विशेष रूप से दिव्यांगजनों की सेवा को समर्पित करता है, तो वह न केवल बहुत से लोगों को प्रेरणा देता है बल्कि इस तरह के नेक कार्य से जुड़ने के लिए उन्हें प्रेरित भी करता है।
श्री शाह ने जोधपुर में श्री पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय के नए भवन की आधारशिला रखे जाने के समारोह में यह बात कही। वे इस महाविद्यालय में मुख्य अतिथि थे।
गृहमंत्री ने कहा कि समाज सेवा की छोटी पहलें दिव्यांगजनों के जीवन में बड़े परिवर्तन ला सकती हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को सहानुभूति से नहीं बल्कि दिव्यता के प्रतीक के रूप में देखा जाना चाहिए। समाज के सम्मिलित प्रयास से सरकार और स्वैच्छिक संगठनों के लिए कुछ भी असम्भव नहीं है।
पैरालिम्पिक्स में भारत के 52 पदकों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ये उपलब्धियां साबित करती हैं कि दिव्यांगजन कुछ भी कर सकते हैं अगर उनकी आंतरिक शक्ति को प्रेरणा मिले। श्री शाह ने कहा कि केन्द्र सरकार ने दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की स्थापना की। इस विभाग का बजट 2014 के 338 करोड से बढ़ाकर आज एक हजार 313 करोड़ रुपए कर दिया गया है। इस अवसर पर केन्द्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत तथा राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने भी समारोह को सम्बोधित किया।