राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि सभी शैक्षणिक संस्थानों को बालिकाओं के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना चाहिए क्योंकि वे देश के विकास का अभिन्न अंग है। उन्होंने यह बात आज पुणे में सिम्बायोसिस विश्वविद्यालय के 21वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर कही।
उन्होंने स्त्री-पुरूष समानता पर बल देते हुए समावेशी विकास की दिशा में विश्वविद्यालय द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि स्वर्ण पदक विजेताओं में 11 में से आठ महिलाएं होना विश्वविद्यालय के इन्हीं प्रयासों को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों का लक्ष्य मूल्यों पर आधारित शिक्षा, संस्कृति तथा समाज की जरूरतें समझने में विद्यार्थियों की मदद करना होना चाहिए। राष्ट्रपति ने सुझाव दिया कि ऐसे स्वास्थ्य देखभाल उत्पाद विकसित किए जाने चाहिए, जो संपूर्ण समाज, विशेष रूप से उपेक्षित वर्गों के लिए उपयोगी हो। श्रीमती मुर्मु ने विश्वविद्यालय के विदेशी विद्यार्थियों से कहा कि वे ज्ञान और कौशल का इस्तेमाल अपने-अपने देशों में मानवता की बेहतरी के लिए करें।
महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी.राधाकृष्णन और राज्य के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल भी इस अवसर पर मौजूद थे। विश्वविद्यालय में 85 देशों के विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रपति को अपने-अपने देश के ध्वज प्रदान किए।