उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज बेंगलुरु में श्री भारती तीर्थ स्वामीजी के संन्यास सुवर्ण महोत्सव के दौरान नमः शिवाय पाठ कार्यक्रम में भारत के सांस्कृतिक दर्शन वसुधैव कुटुम्बकम पर प्रकाश डाला, जो मानवता को एक परिवार के रूप में देखता है।
उन्होंने कहा कि सनातन धर्म समावेशिता का प्रतीक है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत, जो वैश्विक आबादी का छठा हिस्सा है, विनम्रता, अहिंसा और बड़ों और शिक्षकों के प्रति सम्मान को महत्व देता है।
कार्यक्रम के दौरान पढ़े गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश में आदि शंकराचार्य के महत्व को रेखांकित किया गया, जिसमें ज्ञान के लिए समर्पित उनके असाधारण जीवन और सामाजिक पीड़ा को कम करने के उनके प्रयासों की सराहना की गई।
केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी, वी सोमन्ना और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार भी मौजूद थे। कार्यक्रम में हजारों लोग शामिल हुए।