हिमाचल प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र के अंतिम दिन वित्तीय हालातो को लेकर चर्चा चल रही है। विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने सरकार पर फिजूलखर्ची और गारंटियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि हिमाचल प्रदेश की मौजूदा आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है लेकिन सरकार इसे सुधारने कर बजाय छुपाने में लगी है और आम जनता पर सरकार का टैक्स का बोझ लाद रही है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि सत्ता में आते ही सुक्खू सरकार ने गरीब वर्ग पर मार डालनी शुरू कर दी और आज भी मानसून सत्र के अंतिम दिन बिजली शुल्क संशोधन विधेयक लाकर 10 पैसे प्रति यूनिट मिल्क सेस लगाने का काम किया और इसी तरह औधोगिक क्षेत्र पर भी पर्यावरण टैक्स लगा दिया है जिससे प्रदेश से उद्योग पलायन हो रहे हैं।इस तरह के फैसले और गरीब वर्ग पर बोझ डाल वित्तीय स्थिति ठीक नहीं होगी।केंद्र सरकार पर ठीकरा फोड़ कर सुक्खू सरकार जिम्मेदारियों से भागने में लगी है सरकार को गंभीरता से वित्तीय प्रबंधन पर ध्यान देने की जरूरत है।
वहीं नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि संजौली अवैध मस्जिद मामले की गंभीरता को समझते हैं सरकार को इसमें त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि मामला अब जन भावनाओं से जुड़ गया है। सरकार प्रदेश में अन्य अवैध निर्माण के मामलों का हवाला देकर इसको टाल नहीं सकती है। सरकार के मंत्री ने प्रश्न खड़े किए हैं लेकिन अब कांग्रेस हाईकमान के दबाव के कारण पीछे हट रहे हैं। कानून व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी सरकार की है।