उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड ने कहा है कि संस्कृत दिव्य भाषा है और अध्यात्म तथा दैवीय शक्तियों से जुडने की महत्वपूर्ण कडी है। तिरूपति में राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति ने मानवीय सभ्यता के मुश्किल दौर में संस्कृत को सांस्कृतिक अग्रदूत बताया। उपराष्ट्रपति ने भारतीय ज्ञान परम्परा के पुनर्जागरण और प्रसार में राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने नये पाठ्यक्रम तैयार करने और अंतर विषय अनुसंधान को बढ़ावा देने का आह्वान किया, ताकि संस्कृत की समृद्ध विरासत और आधुनिक शैक्षणिक आवश्यकताओं के बीच अंतर को पाटा जा सके।