23 सितम्बर, 2024 को नई दिल्ली के संसद भवन में आयोजित भारत क्षेत्र राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ सम्मेलन की कार्यकारिणी की बैठक को सम्बोधित करते हुए हिमाचल प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप पठानियां ने कार्य संचालन में बदलाव तथा वित्तिय स्वायतता के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया पठानियां ने कहा कि विधान सभा सचिवालय एक स्वतन्त्र सचिवालय है तो उसके पास अपनी वित्तिय स्वायतता होनी चाहिए, क्योंकि विधान सभा की कार्यवाही समाज के आखिरी आदमी तक पहुँचे उसके लिए कई तरह के आयोजनों की आवश्यकता रहती है चाहे वह संगोष्ठी का आयोजन हो चाहे बड़े – बड़े सम्मेलनों का आयोजन जिसके माध्यम से हम हर नागरिक को वस्तुत: स्थिति से रूबरू करवा सकें, यही लोकतन्त्र तथा संसदीय प्रणाली की मजबुती का आधार है।
पठानियां ने कहा कि इन आयोजनों के लिए धन की आवश्यकता रहती है और हम सरकार के सहयोग के बिना इसका आयोजन नही कर पाते हैं इसलिए सरकारों को चाहिए कि विधान सभाओं को वित्तिय स्वायतता प्रदान करें जिससे कि हम अपने कार्यक्रमों तथा आयोजनों को समाज के आखिरी जन तक पहुँचा सकें।
पठानियां ने कहा कि हर विधान सभा के कार्य संचालन के अपने – अपने नियम हैं तथा सत्र संचालन का भी अपना – अपना तरीका है। उन्होने कहा कि उन्होने हिमाचल प्रदेश विधान सभा में अपने स्तर पर कुछ बदलाव किए हैं। उन्होने कहा कि किसी विषय पर चर्चा से हम तब कुछ हासिल कर सकते हैं जब हम माननीय सदस्यों तथा दलों को बोलने का मौका दें।
पठानियां ने कहा कि सभी की भागीदारी सुनिश्चित करना हमारा लक्ष्य होना चाहिए। उन्होने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सदन की कार्य उत्पादकता हमेशा ही 94% से ऊपर रही है, जबकि एक सत्र में यह 132% भी रही। उनका प्रयास रहा है कि सभी विधायकों को बोलने का मौका मिलना चाहिए चाहे वह वरिष्ठ हैं या कनिष्ठ या किसी भी दल का क्यों न हो। इससे कार्य में दक्षता आएगी तथा सभी को अपना योगदान देने का मौका मिल जाएगा।
पठानियां ने कहा कि कुछ जटिल विषयों का विधायकों के साथ सीधे संवाद से हल निकल सकता है तथा संसदीय कार्यमंत्री के हस्तक्षेप से भी उसे हल करवाने का प्रयास किया जा सकता है।
उन्होने कहा कि सदन की कार्यवाही देखने के लिए हमने स्कूली विद्यार्थियों को भी अनुमति दे रखी है। यदि बच्चे सदन की कार्यवाही देख रहे होते हैं तो माननीय सदस्य भी जिम्मेदारी के साथ सदन में व्यवहार करेंगे क्योंकि उन्हें पता है दीर्घा में भावी पीड़ी उनके आचरण तथा व्यवहार को देख रही है।
पठानियां ने कहा कि उन्होने सदन की समितियों की बैठकों को ऑन लाईन तरीके से आयोजित करने की अभी हाल ही में स्वीकृति प्रदान की है। अब माननीय सदस्य ई-विधान प्रणाली का इस्तेमाल करते हुए सीधे समिति बैठकों से जुड़ सकेंगे जिससे न कोरम की समस्या रहेगी तथा विषय पर सार्थक चर्चा भी होगी। विधायक चाहे अपने निर्वाचन क्षेत्र में हो या किसी कार्य से कहीं बाहर वह तय समयानुसार बैठकों से जुड़ सकेंगे तथा अपना योगदान दे सकेंगे।
बैठक में भारत क्षेत्र राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ के चेयरमैन ओम बिरला, राज्यसभा के उपाध्यक्ष डॉ0 हरिवंश, 28 राज्यों के स्पीकर तथा विधान मण्डलों के अध्यक्ष व लोक सभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह तथा राज्य सभा महासचिव प्रमोद चन्द्रा भी उपस्थित थे।