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मार्च 25, 2025 9:11 अपराह्न

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संसद ने बॉयलर्स बिल, 2024 को मंजूरी दी

संसद ने बॉयलर्स बिल, 2024 पारित कर दिया है, जिसे आज लोकसभा ने मंजूरी दे दी है। यह बिल बॉयलर्स एक्ट, 1923 को निरस्त करता है। राज्यसभा ने पिछले वर्ष दिसंबर में ही इस बिल को पारित कर दिया था। यह कानून देश में बॉयलर के नियमन, भाप बॉयलर से विस्फोट के खतरे से लोगों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए प्रावधान करता है। यह देश में बॉयलर के निर्माण और उपयोग के दौरान पंजीकरण और निरीक्षण में एकरूपता भी लाएगा। यह कानून सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम-एमएसएमई क्षेत्र सहित बॉयलर उपयोगकर्ताओं को लाभान्वित करेगा। इसके साथ ही, बॉयलर से निपटने वाले कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सात अपराधों में से, चार बड़े अपराधों में, जिनके परिणामस्वरूप जान और संपत्ति का नुकसान हो सकता है, आपराधिक दंड को बिल में बरकरार रखा गया है। अन्य अपराधों के लिए, राजकोषीय दंड का प्रावधान किया गया है।

लोकसभा में विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सभी हितधारकों से विचार-विमर्श के बाद यह विधेयक संसद में लाया गया है। श्री गोयल ने कहा कि आज कई देश भारत के साथ सहयोग करना चाहते हैं क्योंकि सरकार कारोबार करने में आसानी की अवधारणा को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने सदन को बताया कि सरकार ने विधेयक में सुरक्षा पहलुओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। श्री गोयल ने यह भी कहा कि सरकार ने जलवायु परिवर्तन पर अत्यधिक ध्यान दिया है।

इससे पहले चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के डॉ. कल्याण वैजीनाथ राव ने कहा कि सुरक्षा सुनिश्चित करने और उसके नवीनीकरण से संबंधित मुद्दों के समाधान से संबंधित मानदंडों पर स्पष्टता होनी चाहिए। उन्होंने सरकार से औद्योगिक बॉयलरों से होने वाले प्रदूषण से संबंधित मुद्दे के समाधान का भी आग्रह किया।

भाजपा के राजकुमार चाहर ने कहा कि उद्योगों में लगे श्रमिकों की सुरक्षा के मद्देनजर यह कानून बहुत महत्वपूर्ण है और यह सरकार की प्राथमिकता भी है। कानून में किए गए प्रावधानों से बॉयलर विस्फोट की घटनाओं में कमी आएगी और बॉयलरों का रखरखाव और निगरानी सुनिश्चित होगी।

समाजवादी पार्टी के आनंद भदौरिया ने कहा कि सरकार ने बॉयलर विस्फोट की घटना के मामले में छोटे और बड़े उद्योगपतियों के लिए एक समान राजकोषीय दंड का प्रस्ताव किया है। उन्होंने कहा कि सरकार को बड़े उद्योगपतियों के दंड को बढ़ाना चाहिए ताकि वे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कुशल अभियंता और तकनीकी टीमों को नियुक्त करें।