ये नए विधेयक बिल ऑफ लैडिंग 2025, समुद्री माल ढुलाई विधेयक 2025, तटीय नौवहन विधेयक 2025, व्यापारी नौवहन विधेयक 2025 और भारतीय बंदरगाह विधेयक 2025 हैं।
बिल ऑफ लैडिंग, 2025 विवादों को कम करने और व्यापार को आसान बनाने के लिए कानूनी दस्तावेजों को सरल बनाने पर केंद्रित है। समुद्री माल ढुलाई विधेयक, 2025 ने 1925 के अधिनियम का स्थान लिया है।
तटीय नौवहन विधेयक, 2025 का लक्ष्य भारत के 6% मॉडल शेयर को पुनर्जीवित करना, रसद लागत में सालाना लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की बचत करना और प्रदूषण तथा सड़क भीड़भाड़ को कम करना है। श्री सोनोवाल ने बताया कि मर्चेंट शिपिंग विधेयक, 2025, 1958 के एक पुराने अधिनियम में सुधार करता है और मलबे को शीघ्र हटाने और बचाव कार्यों को सक्षम बनाता है।
भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2025, 1908 के एक पुराने कानून का स्थान लेता है। यह बेहतर राष्ट्रीय नियोजन के लिए एक समुद्री राज्य विकास परिषद का गठन करता है, छोटे बंदरगाहों के प्रबंधन के लिए राज्य समुद्री बोर्डों को अधिक शक्ति प्रदान करता है।