आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशकंर ने महाभारत में भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए ध्यान योग के उपदेशों को संयुक्त राष्ट्र में प्रस्तुत किया। ये उपदेश संघर्ष और युद्ध से त्रस्त विश्व में शांति स्थापित करने के प्रतीक हैं।
दूसरे विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर आज एक अभ्यास सत्र में उन्होंने कहा कि इन्सान आज युद्ध से जूझ रहा है। समाज में विभिन्न मुद्दों पर संघर्ष जारी है। भगवान कृष्ण के उपदेशों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यूक्रेन में, निराशा में डूबे 8 हजार सैनिकों ने ध्यान के माध्यम से मानसिक शांति का अनुभव किया।
विश्व शांति के लिए आयोजित इस सत्र में विश्व भर के राजनयिकों, संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों और योग प्रशिक्षकों ने भाग लिया। इसका आयोजन भारत, अंडोरा, मैक्सिको, नेपाल और श्रीलंका ने संयुक्त रूप से किया। पिछले वर्ष संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 दिसम्बर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में नामित किया था।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने कहा ध्यान सांस्कृतिक, धार्मिक और भौगोलिक सीमाओं से परे है, और परिवर्तन की एक सार्वभौमिक रूपरेखा प्रस्तुत करता है। योग और ध्यान से जुड़े कई विशेषज्ञों ने विश्व शांति के लिए योग की भूमिका की प्रशंसा की।